शारदीय नवरातà¥à¤°à¥‹à¤‚ में तृतीय दिन मां चंदà¥à¤°à¤˜à¤‚टा की पूजा à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ मनोवांछित फल देने वाली तथा परम कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ है। नवरातà¥à¤°à¤¿ उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• महतà¥à¤µ है और इस दिन इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के विगà¥à¤°à¤¹ का पूजन-आराधन किया जाता है।
रिपोर्ट - विकास शरà¥à¤®à¤¾
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 28 सितंबर शारदीय नवरातà¥à¤°à¥‹à¤‚ में तृतीय दिन मां चंदà¥à¤°à¤˜à¤‚टा की पूजा à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ मनोवांछित फल देने वाली तथा परम कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ है। नवरातà¥à¤°à¤¿ उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• महतà¥à¤µ है और इस दिन इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के विगà¥à¤°à¤¹ का पूजन-आराधन किया जाता है। इस दिन साधक का मन ‘मणिपूर’ चकà¥à¤° में पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿ होता है। लोकवेद के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° माठचंदà¥à¤°à¤˜à¤‚टा की कृपा से अलौकिक वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के दरà¥à¤¶à¤¨ होते हैं, दिवà¥à¤¯ सà¥à¤—ंधियों का अनà¥à¤à¤µ होता है तथा विविध पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की दिवà¥à¤¯ धà¥à¤µà¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤ सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ देती हैं। ये कà¥à¤·à¤£ साधक के लिठअतà¥à¤¯à¤‚त सावधान रहने के होते हैं।माठका यह सà¥à¤µà¤°à¥‚प परम शांतिदायक और कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ है। इनके मसà¥à¤¤à¤• में घंटे का आकार का अरà¥à¤§à¤šà¤‚दà¥à¤° है, इसी कारण से इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ चंदà¥à¤°à¤˜à¤‚टा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खडà¥à¤— आदि शसà¥à¤¤à¥à¤° तथा बाण आदि असà¥à¤¤à¥à¤° विà¤à¥‚षित हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ यà¥à¤¦à¥à¤§ के लिठउदà¥à¤¯à¤¤ रहने की होती है।मां चंदà¥à¤°à¤˜à¤‚टा की कृपा से साधक के समसà¥à¤¤ पाप और बाधाà¤à¤ विनषà¥à¤Ÿ हो जाती हैं। इनकी आराधना सदà¥à¤¯à¤ƒ फलदायी है। माठà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के कषà¥à¤Ÿ का निवारण शीघà¥à¤° ही कर देती हैं। इनका उपासक सिंह की तरह पराकà¥à¤°à¤®à¥€ और निरà¥à¤à¤¯ हो जाता है। इनके घंटे की धà¥à¤µà¤¨à¤¿ सदा अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¥‡à¤¤à¤¬à¤¾à¤§à¤¾ से रकà¥à¤·à¤¾ करती है। इनका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करते ही शरणागत की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठइस घंटे की धà¥à¤µà¤¨à¤¿ निनादित हो उठती है।माठका सà¥à¤µà¤°à¥‚प अतà¥à¤¯à¤‚त सौमà¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ शांति से परिपूरà¥à¤£ रहता है।