देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि सातà¥à¤µà¤¿à¤• साधना साधक के करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤ªà¤¨ के à¤à¤¾à¤µ और अहंकार को मिटाता है। गायतà¥à¤°à¥€ साधना से साधक के अंदर सतोगà¥à¤£ का विकास होता है। साधक जब à¤à¤—वान में समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ होकर जप अनà¥à¤·à¥à¤ ान करता है, तब à¤à¤—वान साधक के जीवन को सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय चेतना से महका देता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 2 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर। देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि सातà¥à¤µà¤¿à¤• साधना साधक के करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤ªà¤¨ के à¤à¤¾à¤µ और अहंकार को मिटाता है। गायतà¥à¤°à¥€ साधना से साधक के अंदर सतोगà¥à¤£ का विकास होता है। साधक जब à¤à¤—वान में समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ होकर जप अनà¥à¤·à¥à¤ ान करता है, तब à¤à¤—वान साधक के जीवन को सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय चेतना से महका देता है। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में आयोजित नवरातà¥à¤° साधना के अंतरà¥à¤—त चल रहे सतà¥à¤¸à¤‚ग शृंखला के सातवें दिन à¤à¤•à¥à¤¤, à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और à¤à¤—वान की महिमा के परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में साधकों को संबोधित कर रहे थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि लोगों में पनप रहे मिथà¥à¤¯à¤¾ अहंकार मानवता के लिठविनाशकारी है। सातà¥à¤µà¤¿à¤• साधना साधक के अंदर के मिथà¥à¤¯à¤¾ अहंकार के à¤à¤¾à¤µ को नषà¥à¤Ÿ करता है और साधक को सतोगà¥à¤£à¥€ कारà¥à¤¯ करने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करता है। à¤à¤¸à¥€ साधना साधक को सरलता पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है। गीता मरà¥à¤®à¤œà¥à¤ž शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि शरीर में सतà¥, चितà¥à¤¤ की अà¤à¤¿à¤µà¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¿ होने से शरीरचरà¥à¤¯à¤¾ की गतिविधियों में काफी बदलाव आ जाता है। इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के à¤à¥‹à¤—ों में à¤à¤Ÿà¤•à¤¨à¥‡ की गति मंद हो जाती है और तरह-तरह के सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ के पदारà¥à¤¥ खाने के लिठमन ललचाते रहना, बार-बार खाने की इचà¥à¤›à¤¾ होना, à¤à¤•à¥à¤·à¥à¤¯-अà¤à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ का विचार न करना, सातà¥à¤µà¤¿à¤• पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में अरà¥à¤šà¤¿ जैसी बà¥à¤°à¥€ आदतें धीरे धीरे कम होने लगती हंै। जबकि हलके सà¥à¤ªà¤¾à¤šà¥à¤¯ सरस और सातà¥à¤µà¤¿à¤• à¤à¥‹à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ से उसे तृपà¥à¤¤à¤¿ मिलती है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मानसिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सदà¥à¤—à¥à¤£à¥‹à¤‚ की वृदà¥à¤§à¤¿ के कारण दोष दà¥à¤°à¥à¤—à¥à¤£ कम होने लगते हैं तथा सदà¥à¤—à¥à¤£ बà¥à¤¨à¥‡ लगते है। इस मानसिक कायाकलà¥à¤ª का परिणाम यह होता है कि दैनिक जीवन में पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ आने वाले अनेक दà¥à¤ƒà¤–ों का सहज समाधान होने लगता है। इसके साथ ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने साधकों के साधनातà¥à¤®à¤• तथा विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾à¤“ं का समाधान किया। इससे पूरà¥à¤µ संगीत विà¤à¤¾à¤— के à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ ने सितार, बांसà¥à¤°à¥€ आदि पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ वादà¥à¤¯à¤¯à¤‚तà¥à¤°à¥‹à¤‚ के सà¥à¤®à¤§à¥à¤° धà¥à¤¨ से साधकों के मन को à¤à¤‚कृत कर दिया। तो वहीं हमें à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ दो मां, हमें शकà¥à¤¤à¤¿ दो मां....... à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ गीत पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर यà¥à¤—गायकों ने साधकों को पà¥à¤°à¤«à¥à¤²à¥à¤²à¤¿à¤¤ किया। इस अवसर पर देसंविवि à¤à¤µà¤‚ शांतिकà¥à¤‚ज परिवार सहित देश विदेश से आये साधकगण उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।