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शांतिकुंज में प्रारंभ हुआ तीन दिवसीय गुरुपूर्णिमा महापर्व देश विदेश से अपने गुरुधाम पहुंचे गायत्री परिवार के सैकड़ों कार्यकर्त्ता


गायत्री तीर्थ शांतिकुंंज में तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महापर्व का कार्यक्रम ध्यान साधना एवं हवन के साथ प्रारंभ हो गया। महापर्व के प्रथम दिन देश विदेश से गायत्री तीर्थ पहुंचे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने सद्गुरु आराध्यदेव की पावन चरण पादुका का दर्शन प्रणाम और उनके बताये सूत्रों को पालन करने के लिए प्रेरित संकल्प व्यक्त किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार १ जुलाई। गायत्री तीर्थ शांतिकुंंज में तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महापर्व का कार्यक्रम ध्यान साधना एवं हवन के साथ प्रारंभ हो गया। महापर्व के प्रथम दिन देश विदेश से गायत्री तीर्थ पहुंचे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने सद्गुरु आराध्यदेव की पावन चरण पादुका का दर्शन प्रणाम और उनके बताये सूत्रों को पालन करने के लिए प्रेरित संकल्प व्यक्त किया। गुरुपूर्णिमा महापर्व के अवसर पर आयोजित सत्संग को संबोधित करते हुए पं. शिवप्रसाद मिश्र ने कहा कि गायत्री परिवार के जनक परम वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता के लिए होम दिया था। उन्होंने जाति, धर्म, सम्प्रदाय से ऊपर उठकर मानवता के विकास के लिए महान तपस्वी की तरह जीवन जिया। उन्होंने न केवल भारत वरन् सम्पूर्ण विश्व के उत्थान के लिए अनेक देशों में आश्वमेधिक अनुष्ठान सम्पन्न कराया। श्री मिश्र ने वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा के कर्तृत्व को याद करते हुए गुुरुपूर्णिमा के अवसर पर उनके बताये मार्गों पर चलने के लिए आवाहन किया। डॉ. ओपी शर्मा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या साधक को अध्यात्म के क्षेत्र में बढ़ने के लिए उसे सद्गुरु और माता-पिता की आवश्यकता है। संसाधन के लिए माता पिता और आंतरिक ऊर्जा को विकसित करने के सद्गुरु। सद्गुरु के अनुशासनों का पालन करते हुए शिष्य या साधक सफलता की सीढ़ी चढ़ता है। श्री वीरेन्द्र तिवारी ने कहा कि शांतिकुंज सपनों का कल्पवृक्ष है। जहाँ से गायत्री परिवार के अधिष्ठाता युगऋषि पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने संस्कृति एवं सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए विविध आयोजन कर जनजागरण का बिगुल बजाया है। उन्होंने कहा कि युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के दिशा निर्देर्शों एवं अनुशासनों का पालन करते हुए करोड़ों साधकों ने अपना जीवन मे आमूलचूल परिवर्तन पाया है। इस अवसर पर देश विदेश से अपने गुरुधाम शांतिकुंज आये सैकड़ों साधक उपस्थित रहे।

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