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परिवार, समाज व राष्ट्र को ऊंचा उठाने में भाइयों के साथ बहिनों की भी बराबर भूमिका - शेफाली पण्ड्या


गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज की प्रबंध समिति की प्रमुख शेफाली पण्ड्या ने कहा कि आज परिवार, समाज व राष्ट्र को ऊंचा उठाने में भाइयों के साथ बहिनों की भी बराबर भूमिका है। वर्तमान में घर आँगन से निकलकर सुसंस्कृत एवं स्वावलंबी बनाने की दिशा में सतत आगे बढ़कर कार्य कर रही हैं।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 18 सितंबर। गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज की प्रबंध समिति की प्रमुख शेफाली पण्ड्या ने कहा कि आज परिवार, समाज व राष्ट्र को ऊंचा उठाने में भाइयों के साथ बहिनों की भी बराबर भूमिका है। वर्तमान में घर आँगन से निकलकर सुसंस्कृत एवं स्वावलंबी बनाने की दिशा में सतत आगे बढ़कर कार्य कर रही हैं। वे शांतिकुंज में चल रहे पाँच दिवसीय समर्थ-सक्रिय कार्यकर्त्ता शिविर के तीसरे दिन प्रतिभागियों को संबोधित कर रही थी। गायत्री विद्यापीठ प्रबंध समिति की प्रमुख श्रीमती पण्ड्या ने कहा कि इक्कीसवीं सदी नारी सदी होगी। जिसकी शुरुआत गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पूज्य पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने दशकों पहले कर दिया था। उन्होंने तब अबला मानी जाने वाली नारियों को गायत्री महामंत्र की दीक्षा देकर जप, तप करने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया। यज्ञ, संस्कार जैसे वैदिक विधानों के संचालन का अधिकार दिया। वर्तमान समय में गायत्री परिवार की लाखों बहिनें विशाल आश्वमेधिक यज्ञों सहित विभिन्न संस्कारों का पौरोहित्य कार्य करती हैं। श्रीमती पण्ड्या ने कहा कि जागृत, प्रशिक्षित नारी ही परिवार और समाज में सुसंस्कारिता, पवित्रता और संवेदना की गंगोत्री का प्रवाह पैदा कर सकती हैं। इससे जहाँ एक ओर नारियाँ स्वावलंबी बनेंगी, वहीं दूसरी ओर अपनी आवाज उठाने में सक्षम हो पायेंगी। उन्होंने कहा कि परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा ने बिना भेदभाव के अशिक्षित महिलाओं को भी तैयार कर समाज की मुख्य धारा में लाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया है। नारी शक्ति के पास समाज की समस्याओं का समाधान है। आज खेल, अध्यात्म, सामाजिक कार्य, शोध आदि क्षेत्रों में नारियों की उपलब्धियाँ देखते ही बनता है। नारियाँ हरेक विधा में आगे बढ़ रही हैं। बहिनों की इन्हीं सद्गुणों और साहस का अनुकरण करते हुए समाज के प्रत्येक नारियों को आगे बढ़ना चाहिए। तभी हमारा राष्ट्र विकसित, समुन्नत, समर्थ एवं सशक्त बनेगा। श्री श्याम बिहारी दुबे कहा कि युगधर्म के दो चरण समयदान व अंशदान पर विस्तृत जानकारी दी। तो वहीं प्रो. प्रमोद भटनागर ने राष्ट्र को समर्थ एवं सशक्त बनाने के लिए ईमानदारी, समझदारी जिम्मेदारी व बहादुरी के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर उप्र, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब व उत्तराखण्ड के आये सैकड़ों परिजन उपस्थित रहे।

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