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अश्वमेध महायज्ञ स्थल में साहित्य स्टाल व अस्पताल का शुभारंभ


21 से 25 फरवरी को होने जा रहे अश्वमेध महायज्ञ स्थल में देश विदेश से पच्चीस हजार से अधिक गायत्री परिवार के स्वयंसेवी पहुंच चुके हैं। जिस तरह त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम के रीछ-वानरों ने अपने श्रम से रामसेतु का निर्माण कार्य किया|

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

नवी मुंबई, 19 फरवरी। 21 से 25 फरवरी को होने जा रहे अश्वमेध महायज्ञ स्थल में देश विदेश से पच्चीस हजार से अधिक गायत्री परिवार के स्वयंसेवी पहुंच चुके हैं। जिस तरह त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम के रीछ-वानरों ने अपने श्रम से रामसेतु का निर्माण कार्य किया था, उसी तरह इस युग के श्रीराम के अंग अवयव उत्साह से सराबोर हो अश्वमेध महायज्ञ क्षेत्र में निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं। दिन भर कड़ी मेहनत करने के बाद भी साधकों के चेहरे पर एक विशेष चमक-संतोष झलकता है। वहीं गायत्री परिवार के हजारों स्वयंसेवक जब अपने प्रेरणा स्रोत और अश्वमेध महायज्ञ का नेतृत्व करने वाले युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या से मिलते हैं, तो उनकी मानो सारी थकान दूर हो जाती है। युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने अश्वमेध महायज्ञ स्थल क्षेत्र में सोमवार को जीवन को उत्कृष्टता की ओर ले जाने वाले सत्साहित्य स्टाल का शुभारंभ किया। युग व्यास रूप मंे प्रतिष्ठित युगऋषि पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा सफल जीवन जीने के सूत्र, समस्त समस्याओं का समाधान, समस्त भारत के अजस्र अनुदान से लेकर आत्मिक व आध्यात्मिक विकास के अनेक विषयों पर रचित 3200 से अधिक पुस्तकें इस स्टाल से प्राप्त की जा सकती हैं। यहां कुल 13 भारतीय भाषाओं तथा 3 विदेशी भाषाओं में साहित्य उपलब्ध है। इसके साथ ही युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं श्री शरद पारधी, डॉ सुधीर चटर्जी आदि ने अश्वमेध महायज्ञ स्थल में गायत्री परिवार व हीरानंदानी ग्रुप द्वारा संयुक्त रूप से संचालित सर्वसुविधायुक्त अस्पताल का उद्घाटन किया। यहां 20 बेड वाले इस अस्पताल में 70 सदस्यीय चिकित्सकीय टीम सहित अन्य सुविधाओं से युक्त है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की आवश्यतानुसार उपचार के लिए समर्पित रहेगा। सजने लगा अश्वमेध महायज्ञ नगर, वासंती उल्लास से हुआ सराबोर नवी मुंबई, 19 फरवरी। अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा संचालित मुंबई अश्वमेध महायज्ञ का भव्य आयोजन का बिगुल बज चुका है। अश्वमेध महायज्ञ नगर में 1008 हवन कुण्ड तैयार हो गये हैं और सैकडों भाई बहिन रंग रोगन में जुटे हैं। वहीं महायज्ञ के संचालन करने वाली उच्च प्रशिक्षित टीम मुंबई पहुंच चुकी है। टीम में अर्ध्यवु, होता, उद्गाता आदि शामिल हैं। इसमें यज्ञाचार्य भाई के साथ ब्रह्मवादिनी बहिनें भी यज्ञ संस्कार आदि करवायेंगी। अश्वमेध महायज्ञ के नेतृत्व करने वाली कोर समिति के प्रमुख आदरणीय डॉ चिन्मय पण्ड्या ने बताया कि लंबी साधना के बाद यज्ञाचार्य एवं यज्ञाचार्यां बहिनें तैयार होती हैं। तब ब्रह्मणांच्छी, अध्यर्वु, होता, उद्गाता आदि तैयार हो पाते हैं। उन्होंने बताया कि अश्वमेध महायज्ञ 1008 कुण्ड में हांेंगे, जिसकी तैयारी अंतिम चरण में है, जिसमें एक साथ एक कुण्ड में 10 व्यक्ति हवन करेंगे। अश्वमेध महायज्ञ नगर में वासंती उल्लास के साथ हजारों स्वयंसेवकों के चेहरे पर एक अद्भुत चमक दिखाई देती है। सेवा श्रमदान करने वाले साधक महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मप्र, गोवा, बिहार, झारखण्ड, दिल्ली राज्यों से बीस हजार से अधिक पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि महायज्ञ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चार भोजनालय होंगे, जहां याजक महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थानी, उत्तराखण्ड आदि राज्यों के व्यंजनों का स्वाद लेंगे। इसके साथ मीडिया सेंटर, ब्राडक्रास्ट सेंटर, अतिथि गृह, स्वयंसेवक निवास, यज्ञाचार्य निवास आदि बनकर तैयार हो गया है।

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