हिमालय दिवस-2019 के अवसर पर हिमालयन यूनिटी मिशन, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¸à¤‚धान केनà¥à¤¦à¥à¤° (यूसरà¥à¤•), विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिमालय, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ चिंतन व विवेचन समिट का आयोजन किया गया। जिसमें समिट के मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि शà¥à¤°à¥€ रमेश पोखरियाल ’’निशंक’’ जी, संरकà¥à¤·à¤• और अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह रावत जी, विशेष अतिथि परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• हेसà¥à¤•à¥‹à¥‡, पदà¥à¤®à¤¶à¥à¤°à¥€ डाॅ अनिल पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जोशी जी ने सहà¤à¤¾à¤— किया। निदेशक, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी, यूà¤à¤¸à¤à¤¸à¥€ विà¤à¤¾à¤— के पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° दà¥à¤°à¥à¤—ेश पंत जी ने सà¤à¥€ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों का सà¥à¤µà¤¾à¤—त और अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ किया। सà¤à¥€ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ वंदना के साथ समिट का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया।
रिपोर्ट -
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह रावत जी, ने कहा कि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤¯à¥‡ हमने सचिवालय में पालिथिन पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध लगा दिया है। सचिवालय में पानी की बाॅटल आपको काà¤à¤š की मिलेगी या तांबे की मिलेगी पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• की बाॅटल पूरà¥à¤£ रूप से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚धित है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि आजकल बाजार में जल को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› करने वाली जो मशीनें है उनके माधà¥à¤¯à¤® से अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• मातà¥à¤°à¤¾ में जल का अपवà¥à¤¯à¤¯ होता है। वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• रिसरà¥à¤š के आधार पर यह साबित हो गया है कि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के जल को पà¥à¤¯à¥‚रीफायर की जरूरत नहीं है। माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी ने वहां उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से कहा कि आप सà¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ हो उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पालिथीन का उपयोग न करने, पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग कम से कम करने, हिमालय की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिये वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ करने तथा जल के सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ के संरकà¥à¤·à¤£ का संकलà¥à¤ª कराया। केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ मानव संसाधन विकास मंतà¥à¤°à¥€, à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार, शà¥à¤°à¥€ रमेश पोखरियाल ’’निशंक’’ जी ने कहा कि ’’हिमालय पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का जीवन है उसे हमें जानना होगा और उसके दरà¥à¤¦ को महसूस करना होगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, डाॅ अनिल जोशी जी, जंगली जी, डाॅ दà¥à¤°à¥à¤—ेश जी, विधायक जी और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कारà¥à¤¯ कर रहे परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि ये सà¤à¥€ हमारी पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ के सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है और इन सà¤à¥€ का दृॠसंकलà¥à¤ª से ही हमारे देश को विशà¥à¤µà¤—à¥à¤°à¥‚ का गौरव पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि वन संरकà¥à¤·à¤£ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से बेहतर कà¥à¤› नहीं है, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के लिये सबसे बेहतर वन संरकà¥à¤·à¤£ का उदाहरण है हमारा राजà¥à¤¯à¥¤ पेड़ों की लिये अपनी जान की कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ देने वाले लोग à¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की धरती पर है। इस अवसर पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ गौरा देवी को याद किया। माननीय निशंक जी ने डाॅ कलाम जी के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को याद करते हà¥à¤¯à¥‡ अपनी सà¥à¤µà¤²à¤¿à¤–ित कविताओं का पाठकिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि हिमालय, à¤à¤—वान शंकर की धरती है, विशà¥à¤µ के पà¥à¤°à¤—तिशील देश जो जहरीली गैसे छोड़ रहे है उसे हिमालय अपने में समाहित कर नीलकंठकी à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾ रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ योग और वेद की ऋचाओं पर à¤à¥€ चरà¥à¤šà¤¾ की तथा कहा कि हमारे पास जो हमारी धरोहर है उसका पेटेंट होना चाहिये।’’ ’’सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने कहा कि शाप, ताप और संताप से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पाने का माधà¥à¤¯à¤® हैे हिमालय। यà¥à¤¦à¥à¤§ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª से मà¥à¤•à¥à¤¤ होने के लिये पाणà¥à¤¡à¤µà¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ तपसà¥à¤¯à¤¾ करने के लिये हिमालय को चà¥à¤¨à¤¾ था इसलिये हिमालय शाप से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ दाता है। हिमालय का चिंतन और संरकà¥à¤·à¤£ केवल परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के लिये ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ हिमालय तो आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• यातà¥à¤°à¤¾ है। इसे हिमालय दिवस के साथ कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾ दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिये। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि नदियों के तटों पर हमने आरती का कà¥à¤°à¤® आरमà¥à¤ किया यह केवल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· में ही समà¥à¤à¤µ है। हिमालय के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है; कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है। अरà¥à¤ªà¤£, तरà¥à¤ªà¤£ और समरà¥à¤ªà¤£ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है हिमालयन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और यही दृषà¥à¤Ÿà¤¿ हिमालय दृषà¥à¤Ÿà¤¿ है।’’ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी महाराज ने कहा कि हिमालय है तो हम है, हिमालय है तो गंगा है और हिमालय है तो नदियाठहै। हिमालय, हमें केवल जीवन ही नहीं देता बलà¥à¤•à¤¿ हिमालय जैसा जीवन जीने का हौसला à¤à¥€ देता है। इसने साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को सृजन, संगीतकारों को सरगम और संतों को शिवतà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया है। हिमालय, परà¥à¤µà¤¤ के रूप में शोà¤à¤¾à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ ही नहीं रहा और न ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता का मà¥à¤•à¥‚ट बना बैठा रहा बलà¥à¤•à¤¿ यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¥à¤¾à¤² बनकर सदियों से हमारी रकà¥à¤·à¤¾ के लिये तैनात है। अगर हिमालय के निवासी हिमालय में रहकर उसके लिये कà¥à¤› नहीं कर रहे अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ वे अपना जीवन और समय दोनों नषà¥à¤Ÿ कर रहे है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि हिमालय को लहूलà¥à¤¹à¤¾à¤¨ मत करो बलà¥à¤•à¤¿ उसे हरियाली से लहलहाने दो। अब तो हिमालय के लिये पà¥à¤²à¥‡à¤œ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ हमें उसकी पलà¥à¤¸ बनना होगा।’’ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने हिमालय के संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠकई सà¥à¤à¤¾à¤µ दिये यथा हिमालयन राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में अवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• तरीके से बड़े-बड़े बांध न बनाकर छोटे-छोटे बांध बनायें जाये, बारूद बिछाकर सà¥à¤°à¤‚गे खोदने से à¤à¥€ पहाड़ों को अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चता है। हमारे दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ कोई कारà¥à¤¯ न किया जाये जिससे पहाड़ों के नैसरà¥à¤—िक अधिकारों का हनन होता हो। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि पहाड़ों के लिये दीरà¥à¤˜à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ विकास à¤à¤œà¤‚ेडा होना चाहिये à¤à¤¸à¤¾ नहीं कि बार बार पहाड़ों का सीना चीर कर सड़कों का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया जाये। हमें सतत विकास की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को अपनाना होगा। साथ ही हिमालय से पलायन रोकना होगा कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ जब तक लोग खेती करेंगे और हिमालय में रहेगे तब तक हिमालय à¤à¥€ आबाद रहेगा। हिमालयी राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की सरकारों, (सांसद, विधायक) पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की सकà¥à¤·à¤® संसà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¤‚े और अनà¥à¤¯ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ à¤à¤¨à¤œà¥€à¤“ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· कम से कम 5 हजार वरà¥à¤·à¥‹ का रोपण और संरकà¥à¤·à¤£ की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ लेनी चाहिये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• गतिविधियों के बजाय संासà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विकास के महतà¥à¤µ पर जोर दिया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि ऋषिकेश के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ अनà¥à¤¦à¤° पहाड़ों पर जाने वाले पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वाहनों पर परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ शà¥à¤²à¥à¤• लगाया जाना चाहिये, पहाड़ों पर जितने à¤à¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤°, मसà¥à¤œà¤¿à¤¦, गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤§à¤¾à¤°à¥‡à¤‚, होटल, आशà¥à¤°à¤® है उनà¥à¤¹à¥‡ पूरà¥à¤£ रूप से à¤à¤•à¤² उपयोग पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• और पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• बाॅटल के उपयोग पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध लगाया जाये और उपयोग करने पर इसके लिये दंड का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ रखा जाये। हिमालय को जीवित रखना है तो पहाड़ों पर जितनी à¤à¥€ बंजर पड़ी जमीन है उस पर चरणबदà¥à¤§ तरीके से वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ और उन पौधों का संरकà¥à¤·à¤£ किया जाना आवशà¥à¤¯à¤• है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी महाराज ने कहा कि मेरी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ में हिमालय के लिये हिमालय दिवस पर केवल à¤à¤• दिन चिंतन नहीं होना चाहिये बलà¥à¤•à¤¿ हमारा हर करà¥à¤® चितंन के बाद ही हो ताकि इससे हिमालय के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ को कोई नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ नहीं पहà¥à¤‚चे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने हिमालय दिवस के अवसर पर सà¤à¥€ अतिथियों को परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पौधा à¤à¥‡à¤‚ट किया।