à¤à¤¾à¤ˆ दूज कारà¥à¤¤à¤¿à¤• मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤¾ को मनाया जाने वाला परà¥à¤µ है बहनें अपने à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयॠऔर सà¥à¤– समृदà¥à¤§à¤¿ की कामना करती हैं।
रिपोर्ट - आचारà¥à¤¯ विषà¥à¤£à¥
आज देश à¤à¤° में à¤à¤¾à¤ˆ दूज का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° मनाया जा रहा है। à¤à¤¾à¤ˆ दूज कारà¥à¤¤à¤¿à¤• मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤¾ को मनाया जाने वाला परà¥à¤µ है। बहनें अपने à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयॠऔर सà¥à¤– समृदà¥à¤§à¤¿ की कामना करती हैं। à¤à¤¾à¤ˆ शगà¥à¤¨ के रूप में बहन को उपहार à¤à¥‡à¤‚ट करता है। à¤à¤¾à¤ˆ दूज के दिन मृतà¥à¤¯à¥ के देवता यमराज का पूजन à¤à¥€ होता है। धारà¥à¤®à¤¿à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि यमराज ने à¤à¥€ इसी तिथि को अपनी बहन यमà¥à¤¨à¤¾ से नोत लिया था। à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बहनों को नोत लेने के बाद यथासंà¤à¤µ उपहार दिया जाता और बहनों के हाथों से à¤à¥‹à¤œà¤¨ गà¥à¤°à¤¹à¤£ किया जाता है। इस दिन à¤à¤¾à¤ˆ बहन à¤à¤• दूसरे को विश करते हैं। वैसे तो आप सà¥à¤¬à¤¹ 6:13 से सायं 5:34 मिनट तक टीका कर सकते हैं लेकिन अति शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ के लिठआप नीचे लिखी दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤¾ तिथि चेक कर सकते हैं। दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤¾ तिथि मंगलवार सà¥à¤¬à¤¹ 6: 13 बजे से बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¬à¤¹ 3: 48 बजे तक पूजन मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ मंगलवार दोपहर 1: 11 बजे से दोपहर 3: 25 बजे तक शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤ˆ दूज का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ के बाद और सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ से पहले दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤¾ तिथि में मनाना चाहिà¤à¥¤ शाम 5 बजकर 38 मिनट पर सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ हो जाà¤à¤—ा। इस समय से पूरà¥à¤µ यह तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° शà¥à¤ चौघड़िया में मनाना चाहिà¤à¥¤ सà¥à¤¬à¤¹ 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 5 मिनट तक लाठचौघड़िया रहेगा। इस समय पूजन करना उतà¥à¤¤à¤® रहेगा। इसके बाद 1 बजकर 30 मिनट तक अमृत चौघड़िया में à¤à¥€ तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° मनाया जा सकता है। अंतिम शà¥à¤ चौघड़िया 2 बजकर 50 मिनट से 4 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि à¤à¥ˆà¤¯à¤¾à¤¦à¥‚ज के दिन बहनों की गाली à¤à¥€ à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ की तरह लगती है। सà¥à¤¬à¤¹ उठकर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर तैयार हो जाà¤à¤‚। सबसे पहले बहन-à¤à¤¾à¤ˆ दोनों मिलकर यम, चितà¥à¤°à¤—à¥à¤ªà¥à¤¤ और यम के दूतों की पूजा करें तथा सबको अरà¥à¤˜à¥à¤¯ दें। इसके बाद बहन अपने à¤à¤¾à¤ˆ को घी और चावल का टीका लगाती हैं। फिर à¤à¤¾à¤ˆ की हथेली पर सिंदूर, पान, सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ और सूखा नारियल यानी गोला à¤à¥€ रखती हैं। फिर à¤à¤¾à¤ˆ के हाथ पर कलावा बांधा जाता है और उनका मà¥à¤‚ह मीठा किया जाता है। इसके बाद बहन अपने à¤à¤¾à¤ˆ की लंबी उमà¥à¤° की कामना करती है। à¤à¤¾à¤ˆ अपनी बहन को उपहार देते हैं।à¤à¤—वान सूरà¥à¤¯ नारायण की पतà¥à¤¨à¥€ का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज तथा यमà¥à¤¨à¤¾ का जनà¥à¤® हà¥à¤† था। यमà¥à¤¨à¤¾ यमराज से बड़ा सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि इषà¥à¤Ÿ मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ सहित उसके घर आकर à¤à¥‹à¤œà¤¨ करो। अपने कारà¥à¤¯ में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ यमराज बात को टालता रहा। कारà¥à¤¤à¤¿à¤• शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ का दिन आया। यमà¥à¤¨à¤¾ ने उस दिन फिर यमराज को à¤à¥‹à¤œà¤¨ के लिठनिमंतà¥à¤°à¤£ देकर, उसे अपने घर आने के लिठवचनबदà¥à¤§ कर लिया। यमराज ने सोचा कि मैं तो पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ को हरने वाला हूं। मà¥à¤à¥‡ कोई à¤à¥€ अपने घर नहीं बà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ चाहता। बहन जिस सदà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से मà¥à¤à¥‡ बà¥à¤²à¤¾ रही है, उसका पालन करना मेरा धरà¥à¤® है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मà¥à¤•à¥à¤¤ कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमà¥à¤¨à¤¾ की खà¥à¤¶à¥€ का ठिकाना नहीं रहा। उसने सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर पूजन करके वà¥à¤¯à¤‚जन परोसकर à¤à¥‹à¤œà¤¨ कराया। यमà¥à¤¨à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठआतिथà¥à¤¯ से यमराज ने पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया। यमà¥à¤¨à¤¾ ने कहा कि à¤à¤¦à¥à¤°! आप पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने à¤à¤¾à¤ˆ को आदर सतà¥à¤•à¤¾à¤° करके टीका करें, उसे तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¯ न रहे। यमराज ने तथासà¥à¤¤à¥ कहकर यमà¥à¤¨à¤¾ को अमूलà¥à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤à¥‚षण देकर यमलोक की राह की। इसी दिन से परà¥à¤µ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ बनी। à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि जो आतिथà¥à¤¯ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करते हैं, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यम का à¤à¤¯ नहीं रहता। इसीलिठà¤à¥ˆà¤¯à¤¾à¤¦à¥‚ज को यमराज तथा यमà¥à¤¨à¤¾ का पूजन किया जाता है।