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क्रिकेट की भाषा में कहें तो 20-20 के मैच में धामीजी को आखिरी ओवर में उतारा गया है-राजनाथ सिंह


पुष्कर सिंह धामी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से ही जानता हूं। उनके पास ऊर्जा है, क्षमता है और कुछ कर गुजरने की जज्बा भी है। क्रिकेट की भाषा में कहें तो 20-20 के मैच में धामीजी को आखिरी ओवर में उतारा गया है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट व अन्य महानुभावों की उपस्थिति में वीर चंद्र सिंह गढवाली जी की पुण्यतिथि के अवसर पर पीठसैंण, पौड़ी गढ़वाल में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया। कार्यक्रम में दीनदयाल उपाध्याय योजना के लाभार्थियों को चेक वितरित किए गए और ‘घस्यारी कल्याण योजना’ के लाभार्थियों को किट वितरित किए गए। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को श्रद्धांजलि देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली एक सच्चे सैनिक तो थे ही, साथ ही वे एक प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली कर्म और धर्म दोनों से सैनिक थे। उत्तराखण्ड की धरती, भारत ही नहीं पूरी दुनिया में देवभूमि के नाम से जानी जाती है। मगर यह देवभूमि, एक वीरभूमि और तपोभूमि भी है। उत्तराखण्ड राज्य का गठन हुए बीस वर्ष ही हुए हैं परंतु यहां का इतिहास और परम्पराएं सदियों पुरानी हैं। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, माधो सिंह भण्डारी और तीलू रोतेली की बहादुरी के गीत गढ़वाल के गांव-गांव में गाए जाते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी भी देश या राज्य की नियति का फैसला, वहां की सरकार की नियत से तय होता है। पुष्कर सिंह धामी ने बिल्कुल सही नारा दिया है कि सरकार का दृढ़ इरादा, बातें कम काम ज्यादा। बातें कम होनी चाहिए लेकिन काम ज्यादा होना चाहिए। पुष्कर सिंह धामी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से ही जानता हूं। उनके पास ऊर्जा है, क्षमता है और कुछ कर गुजरने की जज्बा भी है। क्रिकेट की भाषा में कहें तो 20-20 के मैच में धामीजी को आखिरी ओवर में उतारा गया है। धामी जी धाकड़ बल्लेबाज हैं। उन पर उत्तराखण्ड के लोगों की बहुत सारी उम्मीदें टिकी हुई हैं। पूरा विश्वास है वे इन उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि गलवान में मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारी सेना के वीर जवानों ने देश के मान सम्मान की रक्षा की। यह सुखद संयोग है कि आज जब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी की प्रतिमा का अनावरण हो रहा है तो देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले साढे सात वर्षों में मिशन मोड में काम हुआ है। चालीस साल तक देश के पूर्व सैनिकों को ओआरओपी के लिए इंतजार करना पड़ा। मगर मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ओआरओपी लागू कर दिया।

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