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शांतिकुंज में उत्साहपूर्वक मनी श्री गुरु नानक व लक्ष्मीबाई जयंती जनजागरण रैली के साथ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित


सिख संप्रदाय के प्रथम श्री गुरु नानकदेव जी एवं रानी लक्ष्मी बाई की जयंती उत्साहपूर्वक मनाई गयी। इस अवसर पर शांतिकुंज के पीतवस्त्रधारी साधकों ने जन जागरण रैली निकाली।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज़ भारत

हरिद्वार १९ नवंबर। सिख संप्रदाय के प्रथम श्री गुरु नानकदेव जी एवं रानी लक्ष्मी बाई की जयंती उत्साहपूर्वक मनाई गयी। इस अवसर पर शांतिकुंज के पीतवस्त्रधारी साधकों ने जन जागरण रैली निकाली। वरिष्ठ कार्यकर्त्ता श्री शिवप्रसाद मिश्र ने रैली को शांतिकुंज के देवात्मा हिमालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में गुरु नानकदेव के जीवन से जुड़े अनेक प्रसंग एवं रानी लक्ष्मी बाई की वीरता पर स्लोगन दोहराये गये। पीतवस्त्रधारी भाई-बहिन अपने-अपने गले में सद्ग्रंथ लेकर चल रहे थे। जन जागरण रैली हरिपुर कलॉ, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर से होते हुए शांतिकुंज के पावन समाधि स्थल पहुुँची, जहाँ महिला मण्डल की बहिनों ने आरती कर स्वागत किया। अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी समाज को जागरुक करने के उद्देश्य सदैव परिव्रज्या करते रहे। उन्होंने धर्म संप्रदाय से ऊपर उठकर मानवता के लिए कार्य किया है। श्री गुरु नानकदेव जी एक दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि, गृहस्थ, योगी और देशभक्त भी थे। गायत्री परिवार प्रमुख ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई आदर्श वीरांगना थीं। वे कभी समस्याओं से नहीं घबराई, उन्हें अपने कर्तव्य पालन से किसी प्रलोभन ने विमुख नहीं कर सका। वह सदैव अपने पवित्र उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आत्मविश्वास से भरी रहीं। व्यवस्थापक श्री महेन्द्र शर्मा ने कहा कि श्री गुरु नानकदेव जी का जीवन और शिक्षाएँ न केवल धर्म विशेष के लिए, वरन् पूरी मानव जाति को सही दिशा दिखाती हैं। रानी लक्ष्मी बाई के जीवन के अनेक प्रसंगों को याद किया।

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