Latest News

ऋषिकेश परमार्थ निकेतन पधारे मुख्यमंत्री असम डॉ हिमंत बिस्वा सरमा


मुख्यमंत्री असम डा हिमंत बिस्वा सरमा जी सपरिवार पधारे परमार्थ निकेतन। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया और माँ गंगा जी की आरती में सहभाग कर संगीत संध्या का आनन्द लिया।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

ऋषिकेश, 29 दिसम्बर। मुख्यमंत्री असम डा हिमंत बिस्वा सरमा जी सपरिवार पधारे परमार्थ निकेतन। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया और माँ गंगा जी की आरती में सहभाग कर संगीत संध्या का आनन्द लिया। माँ गंगा के पावन तट पर स्वामी जी ने डा हिमंत बिस्वा सरमा जी और परिवार के सदस्यों को रूद्राक्ष का पौधा व रूद्राक्ष की माला से अभिनन्दन किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में डा हिमंत बिस्वा सरमा जी, श्रीमती रिंकी भुइयां सरमा, माननीय मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी, पुत्री सुकन्या सरमा, कैबिनेट मंत्री, श्री पजिसु हजारिका, श्रीमती एमी बरुआ जी, श्री तुलीराम रोंगहांग, मुख्य कार्यकारी सदस्य, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद और दीपशिखा अरोड़ा आदि सभी ने वैश्विक स्तर पर जल संरक्षण हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से डा हिमंत बिस्वा सरमा जी ने आशीर्वाद प्राप्त कर परमार्थ निकेतन में आयोजित पांच दिवसीय न्यू यू रिट्रीट के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि श्री बिस्वा सरमा जी ने भारतीय संस्कृति, संस्कार, सबका साथ-सबका विकास की संकल्पना को असम में साकार करने हेतु अद्भुत योगदान दिया। स्वामी जी ने कहा कि श्री बिस्वा सरमा जी ने असम को एक नई पहचान दी व असम में एक नई क्रान्ति की शुरूआत की। नई योजनाओं के साथ विकास की रफ्तार को तेज किया है। उन्होंने विभिन्न नवीन कल्याणकारी योजनाएं पेश की, असम में स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई ऊंचाई पर ले गए। स्वास्थ्य के साथ शिक्षा क्षेत्र के क्षेत्र में भी एक बड़ा परिवर्तन किया। उन्होंने ‘असमिया लोगों’ की सुरक्षा के लिये भी अद्भुत कार्य किया है। स्वामी जी ने कहा कि भारत अनेकता में एकता का प्रतीक वाला राष्ट्र है। “अनेकता में एकता” भारतीय समाज की महत्त्वपूर्ण विशेषता है। भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति अपनी पहचान को अक्षुण्ण रखकर विविधता को अंगीकार कर आगे बढ़ने का संदेश देती है। हमारी संस्कृति विभिन्न राज्यों को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोने का संदेश देती है। माननीय मुख्यमंत्री असम डा हिमंत बिस्वा सरमा जी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री असम, डा हिमंत बिस्वा सरमा जी ने कहा कि मैं माँ गंगा के दर्शन के लिये आया था परन्तु पूज्य स्वामी जी मुझे यहां बुलाकर जो सम्मान दिया उसके लिये मैं आभारी हूँ। उन्होंने कहा कि गंगा हमारी राष्ट्रीय धरोहर है, सनातन व पूज्य है इसलिये हम जो भी करे देश के लिये; अपने राष्ट्र के लिये करें। सनातन धर्म हमें मानव प्रेम सिखाता है। हमें सनातन धर्म और भारत को शिखर तक ले जाने का प्रयत्न करना होगा। माननीय मुख्यमंत्री जी ने पूज्य स्वामी जी और गंगा तट पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को असम की धरती पर आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन का आध्यात्मिक और सात्विक वातावरण मन को अत्यंत शान्ति देने वाला है। स्वामी जी माँ गंगा के पावन तट से प्रतिदिन पूरे विश्व को संबोधित करते है और पर्यावरण और जल संरक्षण के लिये प्रेरित करते है यह अत्यंत अनुकरणीय है।

Related Post