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देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष के साथ बस परिचालक ने की अभद्रता


देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा 17 जनवरी को हरिद्वार से दिल्ली जाने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बस मे सवार हुआ। संदीप अरोड़ा के द्वारा समाज कल्याण विभाग से जारी पास दिखाये जाने के बावजूद भी कंडक्टर ने किराये मे दिल्ली तक की छूट नही दी।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा 17 जनवरी को हरिद्वार से दिल्ली जाने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बस मे सवार हुआ। संदीप अरोड़ा के द्वारा समाज कल्याण विभाग से जारी पास दिखाये जाने के बावजूद भी कंडक्टर ने किराये मे दिल्ली तक की छूट नही दी। केवल गुरूकुल नारसन तक की छूट दी। परिचालक के अनुसार उत्तर प्रदेश की सीमा आने पर छूट खत्म हो जाती है। संदीप के द्वारा सरकारी नियमो का हवाला दिया गया कि उत्तराखंड परिवहन की बस मे भारत के किसी भी कोने मे जाओ, किराये मे छूट मिलती है और संदीप के द्वारा कई बार पूर्व मे की गई यात्रा के छूट के पुराने टिकट भी दिखाये गये। परिचालक नही माने। परिचालक ने अभद्रता कर कहा कि या तो पूरा किराया दे या बस से उतर जाये। मजबूरीवश संदीप अरोड़ा ने नारसन से दिल्ली तक के टिकट का पूरा किराया परिचालक को दे दिये जबकि 21 जनवरी को संदीप अरोड़ा हरिद्वार वापस आने के लिए दिल्ली कश्मीरी गेट से उत्तराखंड परिवहन की दूसरी बस मे सवार हुआ तो उस बस के परिचालक ने पास देखकर दिल्ली से हरिद्वार तक के किराये मे पूरी छूट देदी। संदीप अरोड़ा ने बधिर होने के कारण परिचालक से लिखकर बात करने की अपील की, परिचालक ने लिखकर बात करने से मना कर दिया। गौरतलब है संदीप अरोड़ा को 17 जनवरी को एक बैठक मे शामिल होने राजस्थान के शहर अलवर जाना था। वह उत्तराखंड परिवहन निगम की हरिद्वार से दिल्ली तक जाने वाली बस मे बैठे। बस कंडक्टर ने छूट ना देने, अभद्रता करने और कंडक्टर द्वारा बस से उतर जाने की बात संदीप अरोड़ा ने अलवर के साथियो को बताई। आक्रोशित अलवर के साथियो ने इस बाबत हरिद्वार के सभी मूक बधिरो और दिव्यांगजनो को मामले से अवगत कराया। इसी के चलते हरिद्वार मे भी आक्रोश फैल गया। संदीप अरोड़ा को 21 जनवरी को हरिद्वार वापस आए। आज 22 जनवरी को सभी साथियो ने हरिद्वार एआरएम को ज्ञापन सौंपा।सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) प्रतीक जैन ने भी परिचालक के रवैये पर काफी नाराजगी जताई और दिव्यांगजनो को ठोस कार्रवाई का आशावासन दिया और ये वही एआरएम है जिन्होने दिव्यांग तौकीर मामले मे देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा की शिकायत पर परिचालक को सस्पेंड कर दिया था जब वे देहरादून की ग्रामीण डिपो मे तैनात थे। लेकिन परिचालक के दिव्यांगो से बार बार माफी मांगने और संगठन को लिखित माफीनामे के बाद सस्पेंड वापस ले ली गई थी प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा ने मीडिया से लिखित मे कहा कि कई मूक बधिर एवं दिव्यांगजनो के साथ ऐसा होता आया है, वे बेबसी के कारण सामने नही आ रहे थे।बस परिचालक ने मुझसे किराये के पूरे पैसे लिए और छूट नही दी। मुझे कोई समस्या नही लेकिन जब 1000 रूपये मानसिक पेंशन मे गुजारा करने वाले गरीब और बेरोजगार मूक बधिर और दिव्यांगजनो के बारे मे सोचा कि वे लोग कैसे पैसे देगे, पैसे ना देने पर परिचालक अपमानित कर इन लोगो को रास्ते मे बस से उतार देगे। मूक बधिर बोल सुन ना पाने के कारण और शारीरिक दिव्यागजनो को दिक्कतो का सामना करना पड़ता।इसलिए हमे गरीब और बेरोजगार दिव्यांगजनो के हक अधिकारो के लिए लड़ना पड़ रहा है। परिचालक ने गौर लापरवाही की, परिचालक का यह व्यवहार दिव्यांग अधिनियम 2016 का घोर उल्लंघन है और कानूनन अपराध है। हम दिव्यांगजनो के साथ मनमानी नही चलने देगे। आयुक्त दिव्यांगजन को भी लिखित रूप से अवगत किया जायेगा एआरएम को ज्ञापन देने वालो मे खिदमत वेलफेयर सोसाइटी, लक्सर के अध्यक्ष मोहम्मद तनवीर, उपाध्यक्ष सुदेश चौहान, जनहित दिव्यांग सेवा समिति के सचिव अफताब अंसारी, गिरिश पपनै, मोहम्मद तौकीर, पवन, उत्कर्ष शर्मा, नेहा सैनी, शिक्षा सैनी, अकरम आदि शामिल है।

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