गायतà¥à¤°à¥€ परिवार के अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ केनà¥à¤¦à¥à¤° शांतिकà¥à¤‚ज में वसनà¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ धरà¥à¤®à¤§à¥à¤µà¤œà¤¾ फहराने के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤ वसंत परà¥à¤µ आयोजन में गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शैल जीजी à¤à¤µà¤‚ देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विवि के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ. पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने विशà¥à¤µà¤à¤° से आये गायतà¥à¤°à¥€ साधकों को वासंती उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤ दीं। सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ पूजन, गà¥à¤°à¥à¤ªà¥‚जन à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤µ पूजन के साथ हजारों साधकों ने à¤à¤¾à¤µà¤à¤°à¥€ पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कीं।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° ३० जनवरी। अखिल विशà¥à¤µ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार के अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ केनà¥à¤¦à¥à¤° शांतिकà¥à¤‚ज में वसनà¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ धरà¥à¤®à¤§à¥à¤µà¤œà¤¾ फहराने के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤ वसंत परà¥à¤µ आयोजन में गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शैल जीजी à¤à¤µà¤‚ देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विवि के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ. पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने विशà¥à¤µà¤à¤° से आये गायतà¥à¤°à¥€ साधकों को वासंती उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤ दीं। सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ पूजन, गà¥à¤°à¥à¤ªà¥‚जन à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤µ पूजन के साथ हजारों साधकों ने à¤à¤¾à¤µà¤à¤°à¥€ पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कीं। तीन दिवसीय वसंतोतà¥à¤¸à¤µ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को संबोधित करते हà¥à¤ अखिल विशà¥à¤µ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– डॉ. पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि वसंत शकà¥à¤¤à¤¿ का अरà¥à¤£à¥‹à¤¦à¤¯ है। वसंत जीवन का शृंगार करता है। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व परमेशà¥à¤µà¤° के मिलन का महापरà¥à¤µ है वसंत। हंसवाहिनी माता के पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥‚रà¥à¤à¤¾à¤µ का दिन है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इन दिनों वासंती संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पूरे विशà¥à¤µ में दिखाई दे रहा है। रà¥à¤¸, अमेरिका सहित अनेक देशों के लोग à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ हो रहे हैं। गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– ने कहा कि लोगों में जब संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ आती है, तब उनमें उदारता, सेवाà¤à¤¾à¤µ जैसे सदà¥à¤—à¥à¤£ विकसित होने लगते हैं। यà¥à¤µà¤¾ उतà¥à¤ªà¥à¤°à¤°à¥‡à¤• डॉ. पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने शà¥à¤°à¥€à¤…रविनà¥à¤¦, रामकृषà¥à¤£ परमहंस आदि अवतारी सतà¥à¤¤à¤¾à¤“ं का हवाला देते हà¥à¤ कहा कि साधना से ही ये सिदà¥à¤§ हà¥à¤ और समाज के लिठउलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय कारà¥à¤¯ कर पाये। वहाठसे लेकर अब तक अनेक à¤à¤¸à¥‡ उदाहरण है, जिसमें पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ ने अपने साधनातà¥à¤®à¤• तप से समाज को नयी दिशाधारा दी है। डॉ. पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने गायतà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤µà¤¾à¤° के आराधà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जनà¥à¤® दिवस वसंत पंचमी पर आगामी वरà¥à¤· के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ की जानकारी दी। इसके तहत गृहे-गृहे यजà¥à¤ž-गायतà¥à¤°à¥€ उपासना, यà¥à¤µà¤¾ सहित सà¤à¥€ आयॠवरà¥à¤— के लोगों में सतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤à¥à¤¯ का निरंतर सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ का कà¥à¤°à¤® चलाना, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त साधना के माधà¥à¤¯à¤® से जीवन में पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ का समावेश करना जैसे कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ को और अधिक गति देने की रूपरेखा समà¤à¤¾à¤ˆà¥¤ संसà¥à¤¥à¤¾ की अधिषà¥à¤ ातà¥à¤°à¥€ शैलदीदी ने कहा कि वसंत उलà¥à¤²à¤¾à¤¸, उमंग का महापरà¥à¤µ है। वसंत परà¥à¤µ के दिन ही लिपि का पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤µ हà¥à¤† और इसी से जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° हà¥à¤† और जनमानस में विकास दर बà¥à¤¾ है। रामायण आदि पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤‚थों का हवाला देते हà¥à¤ शैलदीदी ने कहा कि à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• संपदा की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में आतà¥à¤®à¤¿à¤• व आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤—ति का महतà¥à¤¤à¥à¤µ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कबीरदास, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदास à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामकृषà¥à¤£ परमहंस की जीवनी पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालते हà¥à¤ कहा कि इन अवतारी सतà¥à¤¤à¤¾à¤“ं के कारà¥à¤¯ को पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯à¤¶à¥à¤°à¥€ ने इस यà¥à¤— में आगे बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ का कारà¥à¤¯ किया है। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर चलते हà¥à¤ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार आगे बॠरहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आज जहाठमानवता संवेदनहीन हो रही है, à¤à¤¸à¥‡ समय में समूह साधना के माधà¥à¤®à¤® से मनà¥à¤·à¥à¤¯ में à¤à¤¾à¤µ संवेदनाà¤à¤ जगाने का पावन अवसर है। इस अवसर पर डॉ. पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ व शैलदीदी ने पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯à¤¶à¥à¤°à¥€ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ का अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ व तमिल à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ पाà¤à¤š पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ का विमोचन किया। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संसà¥à¤•à¤¾à¤° हà¥à¤ - पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤² गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤–दà¥à¤µà¤¯ ने शताधिक लोगों को गà¥à¤°à¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ दी, तो वहीं देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से आयेसैकड़ों की संखà¥à¤¯à¤¾ में बटà¥à¤•à¥‹à¤‚ ने यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ संसà¥à¤•à¤¾à¤° कराये। पंजाब, हिमालच पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, उपà¥à¤° व उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ से आये ११ यà¥à¤µà¤¾ दमà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का आदरà¥à¤¶ विवाह संसà¥à¤•à¤¾à¤° समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ नामकरण, मà¥à¤£à¥à¤¡à¤¨, विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤‚ठसहित कई संसà¥à¤•à¤¾à¤° बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤à¥¤ समसà¥à¤¤ संसà¥à¤•à¤¾à¤° निःशà¥à¤²à¥à¤• समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कराये गये। सायं दीपमहायजà¥à¤ž में पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯à¤¶à¥à¤°à¥€ के विचारों को जन-जन तक पहà¥à¤‚चाने के संकलà¥à¤ª लिये गये। धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ व सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®- वसंतोतà¥à¤¸à¤µ के अवसर पर डॉ. पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ व शैलदीदी ने धरà¥à¤®à¤§à¥à¤µà¤œà¤¾ फहराकर पूजन किया। गायतà¥à¤°à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€à¤ व देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ वंदना व समूह à¤à¤¾à¤µà¤¨à¥ƒà¤¤à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये। २०२६ तक चलने वाली सामूहिक साधना की हà¥à¤ˆ शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤-४० दिवसीय गायतà¥à¤°à¥€ महापà¥à¤°à¤¶à¥à¤šà¤°à¤£ साधना शृंखलाबदà¥à¤§ के पà¥à¤°à¤¥à¤® साधना सतà¥à¤° का गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– डॉ. पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने साधकों को संकलà¥à¤ª कराने के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया। इस साधना में à¤à¤¾à¤°à¤¤ सहित रà¥à¤¸, अमेरिका, कनाडा, दकà¥à¤·à¤¿à¤£ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ आदि देशों के साधक शामिल हो रहे हैं। यह कà¥à¤°à¤® माता à¤à¤—वती देवी शरà¥à¤®à¤¾ की जनà¥à¤® शताबà¥à¤¦à¥€ वरà¥à¤· २०२६ तक सतत चलता रहेगा।