मानव सेवा मनà¥à¤¦à¤¿à¤° (शिव मनà¥à¤¦à¤¿à¤°) शिकागो समिति के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को समय-समय पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ और पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती रहती है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अपने विदेश पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ के दौरान समय की उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ और अनà¥à¤•à¥‚लता के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मानव सेवा मनà¥à¤¦à¤¿à¤° जाकर वहां के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में सहà¤à¤¾à¤— करते हैं।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 8 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने शिकागो, अमेरिका में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शिव मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में आज शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ के अनà¥à¤¤à¤¿à¤® सोमवार रूदà¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• कर विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। मानव सेवा मनà¥à¤¦à¤¿à¤° (शिव मनà¥à¤¦à¤¿à¤°) शिकागो समिति के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को समय-समय पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ और पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती रहती है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी अपने विदेश पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ के दौरान समय की उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ और अनà¥à¤•à¥‚लता के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मानव सेवा मनà¥à¤¦à¤¿à¤° जाकर वहां के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में सहà¤à¤¾à¤— करते हैं। मानव सेवा मंदिर की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ सनातन धरà¥à¤® के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों पर की गई थी और यह मनà¥à¤¦à¤¿à¤° मानव सेवा, वैशà¥à¤µà¤¿à¤• शांति और सदà¥à¤à¤¾à¤µ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। यह न केवल à¤à¤• उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ पूजा सà¥à¤¥à¤² है, बलà¥à¤•à¤¿ यह सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ का दिवà¥à¤¯ केनà¥à¤¦à¥à¤° à¤à¥€ है। यहां पर शाशà¥à¤µà¤¤ वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के मौलिक आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ के आधार पर पूजा-अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की जाती है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ माह के अनà¥à¤¤à¤¿à¤® सोमवार रूदà¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ अपने संदेश में कहा कि माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी जी ने कांवड मेले को कà¥à¤®à¥à¤ मेले के सà¥à¤µà¤°à¥‚प में सà¤à¥€ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾à¤“ं के साथ सफलतापूरà¥à¤µà¤• समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ किया। कà¥à¤¯à¤¾ अदà¥à¤à¥à¤¤ दृशà¥à¤¯ था जब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कांवडियों पर हेलीकापà¥à¤Ÿà¤° से फूलों की वरà¥à¤·à¤¾ की। आसमान से अचानक अपने उपर फूलों की वरà¥à¤·à¤¾ होते देख कांवडियां à¤à¥‚मने लगे। माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी ने उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड की आधà¥à¤¯à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ‘‘अतिथि देवो à¤à¤µâ€™â€™ को जीवंत बनाये रखते हà¥à¤¯à¥‡ कांवडियों के पैर पखारे तथा वेदमंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ कांवडियों को रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· की माला और गंगाजली à¤à¥‡à¤‚ट की। वासà¥à¤¤à¤µ मंे यह दृशà¥à¤¯ अदà¥à¤à¥à¤¤ था और यह हमारी सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• à¤à¥€ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है-मानव सेवा ही माधव सेवा है। आज हम उस धरती पर रूदà¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• कर रहे हैं जहां पर 1893 ई. में आयोजित ‘विशà¥à¤µ धरà¥à¤® महासà¤à¤¾â€™ में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ जी ने हिंदू धरà¥à¤® को सहिषà¥à¤£à¥ तथा सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• धरà¥à¤® के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया था। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ जी ने दरिदà¥à¤° में ही नारायण देखा और उनके कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ को ही ईशà¥à¤µà¤° की सेवा माना है। शिकागो में दिये गठअपने à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤·à¤£ में à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¤¾ और à¤à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥ƒà¤à¤¾à¤µ को सà¤à¥€ धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ का सार ततà¥à¤¤à¥à¤µ कहा। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने शिवाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के साथ ही विशà¥à¤µà¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• का संदेश दिया तथा सà¤à¥€ को परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ का संकलà¥à¤ª कराया।