सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने ‘लंपी सà¥à¤•à¤¿à¤¨ डिजीज’ के संकà¥à¤°à¤®à¤£ पर चिंता वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि गौ माता को हिंदू धरà¥à¤® में दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾ से यà¥à¤•à¥à¤¤ और पवितà¥à¤° माना गया है। धारà¥à¤®à¤¿à¤•, सामाजिक-आरà¥à¤¥à¤¿à¤• और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से मानव जीवन के लिये गौ माता à¤à¤• वरदान है। वह ममतà¥à¤µ से यà¥à¤•à¥à¤¤ अतà¥à¤¯à¤‚त संवेदनाशील पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ है जिसका à¤à¤¾à¤°à¤¤ की शà¥à¤µà¥‡à¤¤ कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति और गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ समृदà¥à¤§à¤¿ में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 14 अगसà¥à¤¤à¥¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने ‘लंपी सà¥à¤•à¤¿à¤¨ डिजीज’ के संकà¥à¤°à¤®à¤£ पर चिंता वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि गौ माता को हिंदू धरà¥à¤® में दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾ से यà¥à¤•à¥à¤¤ और पवितà¥à¤° माना गया है। धारà¥à¤®à¤¿à¤•, सामाजिक-आरà¥à¤¥à¤¿à¤• और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से मानव जीवन के लिये गौ माता à¤à¤• वरदान है। वह ममतà¥à¤µ से यà¥à¤•à¥à¤¤ अतà¥à¤¯à¤‚त संवेदनाशील पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ है जिसका à¤à¤¾à¤°à¤¤ की शà¥à¤µà¥‡à¤¤ कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति और गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ समृदà¥à¤§à¤¿ में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान है। हाल ही में, à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कà¥à¤› राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में गौ वंश और अनà¥à¤¯ मवेशियों में गाà¤à¤ दार तà¥à¤µà¤šà¤¾ रोग यानी ‘लंपी सà¥à¤•à¤¿à¤¨ डिजीज’ के संकà¥à¤°à¤®à¤£ के मामले सामने आठहैं। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° मामले राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से हैं। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में अब तक इस लंपी वायरस से गौवंश के अलावा अनà¥à¤¯ पशॠà¤à¥€ संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ हो रहे हैं तथा हजारों की मौत हो चà¥à¤•à¥€ है। लंपी वायरस से सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• 90 फीसदी तक गाय संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ हैं और गायों की ही सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मौत à¤à¥€ हà¥à¤ˆ है। लंपी वायरस कैपà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥‰à¤•à¥à¤¸ फैमिली का वायरस है। गोट पॉकà¥à¤¸ और शिप पॉकà¥à¤¸ की तरह ही मवेशियों में यह लंपी सà¥à¤•à¤¿à¤¨ डिजीज के नाम से बीमारी फैला रहा है। ये बीमारी काटने वाली मकà¥à¤–ियों, मचà¥à¤›à¤°à¥‹à¤‚, दूषित जल से फैलती है। यह à¤à¤• संकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• बीमारी है जो संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ के सीधे संपरà¥à¤• में आने से दूसरे को à¤à¥€ हो जाती है। इस बीमारी में गौवंश और अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के शरीर का तापमान काफी बॠजाता है और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥‚ख नहीं लगती है। उनके पूरे शरीर पर जगह-जगह गांठबन जाते हैं। इन गांठों का आकार 2-5 सेमी होता है, जो खासकर गरà¥à¤¦à¤¨, थूथन, नासिका, जननांग, आà¤à¤– की पलकों, थन, पेट और पूंछ पर पायी जाती हैं। गांठे गोल और उà¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ होती हैं लेकिन इनसे शरीर पर अलà¥à¤¸à¤° जैसे घाव बन जाते हैं। यह à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ बीमारी है जो वायरस के कारण होती है, अà¤à¥€ तक इसका कोई खास इलाज नहीं मिल पाया है। अà¤à¥€ मौजूदा वकà¥à¤¤ में टीकाकरण ही इसके रोकथाम और नियंतà¥à¤°à¤£ का सबसे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ इलाज माना जा रहा है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने देशवासियों का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ अपने संदेश के माधà¥à¤¯à¤® से कहा कि सरकार अपने सà¥à¤¤à¤° पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ कारà¥à¤¯ कर रही है पनà¥à¤¤à¥ अगर किसी के पास इस बीमारी का कोई समाधान है तो वह आगे आये ताकि गौवंश को बचाया जा सके।