पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ माठसे : जिसे हम लगातार नषà¥à¤Ÿ करते जा रहें है... परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ से : जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम लगातार जमींदोज़ करते जा रहें है... वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ से : जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम अपनी जरूरतों के लिठकाटने से नहीं हिचकते...
रिपोर्ट - वरà¥à¤·à¤¾ वरà¥à¤®à¤¾
पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ माठसे : जिसे हम लगातार नषà¥à¤Ÿ करते जा रहें है... परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ से : जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम लगातार जमींदोज़ करते जा रहें है... वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ से : जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम अपनी जरूरतों के लिठकाटने से नहीं हिचकते... नदियों से : जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दूषित करने में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी, लगातार खनन करके उनका शोषण कर रहें हैं... वायॠसे : जिससे हमारा जीवन चलता है उसे पà¥à¤°à¤¦à¥‚षित करते चले जा रहें हैं... जल से : जो हमारे शरीर का सतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ हिसà¥à¤¸à¤¾ है, उसको दूषित करके... जंगल से : जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम लगातार काटते चले आ रहें हैं... वनà¥à¤¯à¤œà¥€à¤µà¥‹à¤‚ से : जिनका हम à¤à¤•à¥à¤·à¤£ करते आ रहें है... पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से :जिनके पेड़ पर बने घोसलों को गिराते चले आ रहें हैं... उन पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से : जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम रातà¥à¤°à¤¿ में ठीक से विशà¥à¤°à¤¾à¤® नहीं करने दे रहे अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण करके... इंसानियत से : जिससे हम लगातार दूर होते जा रहें है... सतà¥à¤¯ से : जिसे हम तà¥à¤¯à¤¾à¤— रहें हैं... धरà¥à¤®à¤¾à¤šà¤°à¤£ से : जिसका हम अनà¥à¤¸à¤°à¤£ नहीं कर पा रहे... सहृदयता से : जिसे हम खोते चले जा रहें हैं... बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से : जिनका बचपन हम ख़तà¥à¤® करते जा रहें हैं... और खà¥à¤¦ से à¤à¥€ : कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम खà¥à¤¦ को खà¥à¤¦ से दूर कर रहें हैं