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व्यक्तित्व का निर्माण एवं बेहतर जीवन-शैली के लिए शरीर को स्वस्थ्य रखना जरूरी ।


मनुष्य एक बेहतर जीवन की संकल्पना को लेकर धरती पर जन्म लेता है। जिसमे कर्मो की प्रधानता लक्ष्य प्राप्ति मे मनुष्य की सहायता करती है। इस लक्ष्य के चुनाव एवं प्राप्ति मे मनुष्य का व्यक्तित्व एवं जीवन-शैली (जीवन यापन का तरीका) अहम भूमिका अदा करते है।

रिपोर्ट  - 

मनुष्य एक बेहतर जीवन की संकल्पना को लेकर धरती पर जन्म लेता है। जिसमे कर्मो की प्रधानता लक्ष्य प्राप्ति मे मनुष्य की सहायता करती है। इस लक्ष्य के चुनाव एवं प्राप्ति मे मनुष्य का व्यक्तित्व एवं जीवन-शैली (जीवन यापन का तरीका) अहम भूमिका अदा करते है। व्यक्तित्व का निर्माण एवं बेहतर जीवन-शैली की नींव रखने का काम शरीर को स्वस्थ्य रखने पर ही संभव है। जिसका मुख्य आधार शारीरिक शिक्षा है। गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ0 शिव कुमार ने एक सेमिनार के माध्यम से स्वास्थ जीवन-शैली तथा शारीरिक शिक्षा के महत्व पर बोलते हुए यह बात कही। उन्होने कहाॅ कि विज्ञान तथा तकनीक के समन्वय से शारीरिक शिक्षा के स्वरूप में आज जो बदलाव आया है वह किसी से छिपा नही है। शारीरिक श्रम करने वाला व्यक्ति स्वस्थ्य जीवन-शैली के महत्व को बेहतर समझता है। वह श्रम तथा स्वस्थ्य जीवन शैली के बीच संबंध को सदैव कायम रखने का प्रयास करता है। डाॅ0 शिव कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फिट इण्डिया मोमेन्ट तथा कोविड के कारण स्वास्थ्य जागरूकता बनाया आज की महति आवश्यकता है। नोयडा के आई0आई0एच0एम0 संस्थान द्वारा रविवार 14 जून को आयोजित सेमिनार मे अपना विषय प्रस्तुत किया। इस अवसर पर वेबिनार डायरेक्टर डाॅ0 सुधीर शर्मा एवं संयोजक संजय जोशी सहित विभिन्न शिक्षा संस्थानों के शिक्षाविद्व एवं स्वास्थ्य शिक्षा से जुडे विद्वान उपस्थित रहे।।

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