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त्रेता युग की शुरूआत, सत्तयुग की शुरूआत, नये भारत की शुरूआत - स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी


भारत के जीवन का युगान्तकारी क्षण जिसके हम सभी साक्षी है। धन्य है आज का दिन जो वर्षों की प्रतीक्षा का अमृत फल लेकर आया है। आज सोमवार के दिन सूर्यवंश के सूर्य प्रभु श्री राम जी का अपने ही गृभग्रह में प्रवेश हुआ। प्रभु श्री राम अपने ही धाम में विराजित हुये।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

अयोध्या, 22 जनवरी। भारत के जीवन का युगान्तकारी क्षण जिसके हम सभी साक्षी है। धन्य है आज का दिन जो वर्षों की प्रतीक्षा का अमृत फल लेकर आया है। आज सोमवार के दिन सूर्यवंश के सूर्य प्रभु श्री राम जी का अपने ही गृभग्रह में प्रवेश हुआ। प्रभु श्री राम अपने ही धाम में विराजित हुये। आज अयोध्या नगरी एक बार फिर अपने प्रभु श्री राम का ग्रह प्रवेश कर आल्हादित और हर्षित हो रही है। आज फिर से प्रभु श्री राम का 500 वर्षों का वनवास; टाटवास समाप्त हुआ। दिव्य, भव्य और नव्य श्री राम मन्दिर की स्थापना के साथ ही श्री राम राज्य का आगमन भी निश्चित रूप से होगा। प्रभु श्री राम के प्रागंण में क्या आम, क्या खास, क्या बड़ा, क्या छोटा सब का समावेश, सब का सहभाग, सब की आस्था और सभी का भाव साक्षात राम राज्य के दर्शन करा रहा है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त हुई, हमारे पूर्वजों का बलिदान, त्याग और समर्पण का अमृत फल आज हम सभी को प्राप्त हुआ। धन्य है वर्तमान पीढ़ी जो इस दिव्य, भव्य और युगान्तकारी क्षण की साक्षी है। यह क्षण हम सब भारतीयों के जीवन में एक संस्कारी सरकार और तपोनिष्ठ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की तपस्या व कर्मठता से सम्भव हो सका।

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