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एम्स, ऋषिकेश माइक्रो बायोलॉजी विभाग के डॉ. जितेंद्र गैरोला को सत्र 2023-2024 के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास फोरम (एनएसडीएफ )के बोर्ड ऑफ गवर्नेर्स के सदस्य के तौर पर नामित किया


डॉ. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि जब वह पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में कार्यरत थे, उस दौरान वर्ष 2019 में उन्होंने एक नेटवर्क तैयार कर राष्ट्रीय कौशल विकास और उत्थान के लिए विभिन्न चिकित्सा पेशेवरों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को एक मंच पर लाने की पहल की थी। तत्कालीन समय में उनकी इस पहल और कार्य को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया था।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

एम्स, ऋषिकेश माइक्रो बायोलॉजी विभाग के डॉ. जितेंद्र गैरोला को सत्र 2023-2024 के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास फोरम (एनएसडीएफ )के बोर्ड ऑफ गवर्नेर्स के सदस्य के तौर पर नामित किया गया है। डॉ. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि जब वह पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में कार्यरत थे, उस दौरान वर्ष 2019 में उन्होंने एक नेटवर्क तैयार कर राष्ट्रीय कौशल विकास और उत्थान के लिए विभिन्न चिकित्सा पेशेवरों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को एक मंच पर लाने की पहल की थी। तत्कालीन समय में उनकी इस पहल और कार्य को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया था। डॉ. गैरोला का अनुसार वह इस मुहिम को तब से अब तक सततरूप से जारी रखे हुए हैं। इसी क्रम में उन्हें सत्र 2023-2024 के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास फोरम के बोर्ड ऑफ गवर्नेर्स के सदस्य के रूप में नामित किया गया है। नेशनल स्किल डेवलपमेंट फोरम (एनएसडीएफ) इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के तत्वावधान में स्थापित यह संस्थान सीखने के लिए लिहाज से एक 'अत्याधुनिक' सुसज्जित एवं उत्कृष्ट केंद्र है। इस अखिल भारतीय स्तर की संस्था से जुड़कर और उसके सदस्य के तौर पर नामित होने से मुझे इस संगठन के साथ जुड़ने की प्रसन्नता है। डॉ. गैरोला के अनुसार वह स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के साथ-साथ राष्ट्रीय कौशल विकास और उत्थान के लिए देशभर के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के बीच एकीकरण को बढ़ाने में योगदान देना चाहते हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में डॉ. जितेंद्र एम्स, ऋषिकेश में एकीकृत ड्रोन चिकित्सा सेवाओं के लिए बतौर नोडल अधिकारी कार्यरत हैं।

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