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मानवता का आरोहण करना है तो खेल भावना को बढ़ाना होगा - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


आज विकास और शान्ति के लिये अन्तर्राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ‘‘मानवता का आरोहण करना।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेश, 6 अप्रैल। आज विकास और शान्ति के लिये अन्तर्राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ‘‘मानवता का आरोहण करना है तो खेल भावना को बढ़ाना होगा। खेल, सामूहिक भावना का प्रतीक है, उसी प्रकार बेहतर भविष्य के लिये सामूहिक साधना, सामूहिक कार्य और सामूहिकता आवश्यक है। ‘‘जो जीता हैं वही उसके लिये गीता है’’ भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाते हुये यही संदेश दिया था। सामूहिकता में बहुत बल है, सामूहिक चित्त की शक्ति दुनिया में एक सकारात्मक विष्फोट कर सकती है। स्वामी जी ने कहा कि समाज में खेल भावना को बढ़ावा देने की जरूरत है। विकास और शांति के लिए अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस हमें शारीरिक गतिविधियों के साथ सकारात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने का संदेश भी देता है ताकि वैश्विक स्तर पर शांतिपूर्ण और समावेशी समाज का निर्माण किया जा सके। खेल की शक्ति सार्वभौमिकता का मार्ग प्रशस्त करती है; एकजुटता का संदेश देती है।

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