ऋषिकेश/दिल्ली, 11 अक्टूबर 2024। दुर्गाष्टमी के पावन अवसर पर, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने नव निर्मित कन्या गुरुकुल, दिल्ली में कन्याओं और ऋषिकुमारों को अपने हाथों से भोजन परोसा। यह विशेष आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बल्कि समाज में नारियों के सशक्तिकरण और शिक्षा के महत्व को भी दर्शाता है। नवरात्रि, कन्याओं के प्रति सम्मान और स्नेह का अद्वितीय पर्व है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
रिपोर्ट - Rameshwar Gaur
दुर्गाष्टमी का दिन शक्ति, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। इस अवसर पर, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कन्याओं को भोजन परोसा। यह कार्यक्रम समाज में कन्याओं के महत्व और उनके सशक्तिकरण का संदेश देने का एक अनूठा प्रयास है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा, दुर्गाष्टमी का यह पर्व हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति और समर्पण के माध्यम से हम किसी भी बुराई पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। आज का यह आयोजन हमारे समाज में बेटियों के प्रति सम्मान और स्नेह का प्रतीक है। हमें यह याद रखना होगा कि हर बच्ची का अधिकार है कि वह सुरक्षित, सशक्त और सम्मानित जीवन जी सके और समाज का कर्तव्य है कि यह उसे प्रदान करे। नव निर्मित कन्या गुरुकुल, बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह गुरुकुल बेटियों को एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण में शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखता है। यहाँ पर छात्राओं को न केवल शैक्षिक ज्ञान दिया जाता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कौशल और विधाएं के लिये भी प्रतिबद्ध हैं। दुर्गाष्टमी के इस विशेष अवसर पर, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी आज प्रातःकाल ऋषिकेश से दिल्ली गये और उन्होंने स्वयं कन्याओं को अपने हाथों से भोजन कराया। इस गुरूकुल में अनेक ऐसी कन्यायें हैं जिनका परिवार नहीं है इसलिये स्वामी जी ने स्वयं वहां जाकर उनके साथ समय बिताया। स्वामी जी का यह कदम समाज में बेटियों के प्रति सम्मान और स्नेह का संदेश देता है और उनके सशक्तिकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भी अद्भुत है। छोटी-छोटी कन्यायें पूज्य स्वामी जी को अपने बीच पाकर अत्यंत प्रसन्न हुई। स्वामी जी ने श्री योग शक्तिपीठ में स्वामी श्री रसायनी बाबा जी को श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर भूतपूर्व महानिदेशक, उत्तरप्रदेश पुलिस, श्री प्रकाश सिंह जी, सरदार जसवंत सिंह जी, श्री रंजन मुखर्जी जी, श्रीमती रूपा तिवारी जी, श्री विपिन जी, श्रीमती सोनिका जी, श्रीमती राधिका जी, श्री सुशील बंसल जी, आचार्य अरविंद जी, प्रविण सेजवाल, श्री सतिश शर्मा, शास्त्री जी, दीपक शर्मा जी आदि अनेक विभूतियों ने रसायनी बाबा जी को श्रद्धाजंलि अर्पित की। महाष्टमी के अवसर पर शक्ति पूजन और यज्ञ किया। तत्पश्चात सभी ऋषिकुमारों, ऋषिकन्याओं और अतिथियों को भोजन कराया।