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मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिये परमार्थ निकेतन गंगा तट पर विशेष पूजा


उत्तराखंड, अल्मोड़ा में हुई बस दुर्घटना एक दर्दनाक हादसा है, जिसने पूरे पहाड़ को दहला दिया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस हृदय विदारक घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये कहा कि पहाड़वासियों का दर्द पहाड से भी बड़ा है ऐसे में अल्मोड़ा में घटित बस दुर्घटना ने पूरे पहाड़ को झकझोर कर रख दिया है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 5 नवम्बर। उत्तराखंड, अल्मोड़ा में हुई बस दुर्घटना एक दर्दनाक हादसा है, जिसने पूरे पहाड़ को दहला दिया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस हृदय विदारक घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये कहा कि पहाड़वासियों का दर्द पहाड से भी बड़ा है ऐसे में अल्मोड़ा में घटित बस दुर्घटना ने पूरे पहाड़ को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में 36 यात्रियों की असमय मृत्यु हो गई और 6 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। यह त्रासदी न केवल पीड़ित परिवारों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए गहरा आघात है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि इस दुःख की घड़ी में हम उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हमारी प्रार्थनाएँ और संवेदनाएँ सभी प्रभावित परिवारों के साथ हैं। इस दुखद घटना में उन परिवारों ने जो खोया है, उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती, लेकिन हम सब मिलकर अपने प्रयासों से भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे इस कठिन समय में उन सभी को साहस और सहनशक्ति प्रदान करें जिन्होंने अपनों को खे दिया है। इस दुर्घटना ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और हमारी जिम्मेदारियों पर सोचने के लिये मजबूर कर दिया है। हमें इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव उपाय करने होंगे। सड़क दुर्घटनाओं के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे ड्राइवर की लापरवाही, सड़क की खराब स्थिति, वाहन की तकनीकी खराबी, ओवरलोडिंग और मौसम की प्रतिकूल स्थिति। इन सभी कारणों पर ध्यान देकर और सावधानियां बरत कर हम भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं। ऐसी घटनाओं के पीछे ड्राइवर की सतर्कता बहुत जरूरी है। साथ ही वाहन चालकों को उचित प्रशिक्षण देने और उनके काम के घंटे भी तय करने की जरूर है, यात्रा के दौरान उन्हें विश्राम देना जरूरी है ताकि वे अपने कार्य को सर्वाेत्तम रूप से निभा सकें। वाहनों की नियमित जांच, सर्विसिंग और तकनीकी जांच से किसी भी खराबी को पहले से पहचाना जा सकता है। साथ ही सबसे जरूरी है वाहनों को ओवरलोडिंग से बचाना होगा, वाहनों में यात्रियों की संख्या निर्धारित होनी चाहिये और सभी सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य होना चाहिये।

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