किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रयास रंग लाने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मसरूम की खेती छोटे किसानों के लिए सोना साबित हो रही है।
रिपोर्ट - ऑल न्यूज़ ब्यूरो
किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रयास रंग लाने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मसरूम की खेती छोटे किसानों के लिए सोना साबित हो रही है। विगत दिनों ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विजिट के दौरान मुख्यमंत्री ने चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी सहित तमाम रेखीय विभागों के अधिकारियों को ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार के मौके बढ़ाने के लिए कृषि और बागवानी के क्षेत्र में मसरूम उत्पादन जैसे अच्छे प्रोजेक्ट पर काम करने के निर्देश दिए थे। ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो और लोगों को स्वरोजगार मिल सके। प्रशासन द्वारा इस दिशा में काम करने पर आज मशरूम की खेती काश्तकारों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में कर्णप्रयाग-भराडीसैंण क्षेत्र के गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मशरूम की खेती आरंभ की गई। जिला योजना के तहत कृषि और उद्यान विभाग के माध्यम से आदिबद्री व खेती गांव में मसरुम टनल निर्मित करने के साथ ही कुछ किसानों को योजना से जोड़ा गया। किसानों द्वारा मसरूम हार्वेस्टिंग की गई। जिसकी बाजार दर 150 रुपए प्रति किलो मिल रही है। जिला अधिकारी ने बताया कि मशरूम टनल बनाने से जंगली जानवर जो फसल को नुकसान पहुंचा रहे थे, उस पर प्रभावी रोक लगी। बताया कि आदिबद्री, मालसी, खेती, थापली आदि गांव क्षेत्रों से मशरूम टनल की मांग लगातार आ रही है।