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हमारे दिल और हमारे घर के आगे मोहब्बत लिखा हो - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


14वें राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी, श्रीमती सविता कोविंद जी और बेटी स्वाति कोविंद महाकुंभ के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन शिविर, अरैल, प्रयागराज पधारे।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 20 जनवरी। भारत के 14वें राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी, श्रीमती सविता कोविंद जी और बेटी स्वाति कोविंद महाकुंभ के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन शिविर, अरैल, प्रयागराज पधारे। पूरे कोविंद परिवार ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती , म.म. स्वामी संतोषदास (सतुआ बाबा), साध्वी भगवती सरस्वती जी और पूज्य संतों के पावन सान्निध्य में राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू के श्रीमुख से हो रही दिव्य मानस कथा का रसपान किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने माननीय कोविंद जी और पूरे कोविंद परिवार का इलायची की माला पहनाकर अभिनन्दन किया। राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू ने माननीय श्री रामनाथ कोविंद जी के साथ अपनी पुरानी स्मृतियों का स्मरण करते हुए कहा कि आपके सान्निध्य में बिताए दृश्य अद्भुत और अलौकिक हैं। आज भी मुझे याद है, जब आप गुरूकुल आए थे, सभी व्यवस्थाएँ एक ओर थीं, पर आपकी आस्था एक ओर थी। आपने हमारे पूरे गांव को कहा था कि यदि कभी दिल्ली आओ तो कहीं और मत रुकना, राष्ट्रपति भवन में रुकना। इस प्रकार आपने राष्ट्रपति भवन को राष्ट्र भवन के रूप में सभी को दर्शन कराए। साधु संग माननीय राष्ट्रपति जी के लिए सदैव प्रथम रहा हैं। उन्होंने कहा कि यह बात और है कि वह खामोश खड़े होते हैं, लेकिन जो बड़े होते हैं, वह बड़े ही होते हैं। बापू ने कहा कि पूज्य स्वामी जी के रूप में यहाँ पर परम विवेकी और परम विनयी बुद्ध पुरुषों का संगम अद्भुत है।

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