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शक्तियों का संकल्प विलक्षण परिवर्तन का आगाज


महाकुम्भ, प्रयागराज, परमार्थ निकेतन शिविर में प्रसिद्ध कथावाचक देवी चित्रलेखा जी का आगमन हुआ। देवी चित्रलेखा जी ने पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती जी से भेंटकर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर उनके माता-पिता, स्वामी अनंतानंद जी (रामजी) महाराज और स्वामी अमृतानंद जी महाराज भी की गरिमामयी उपस्थिति रही।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

प्रयागराज, 1 फरवरी 2025। महाकुम्भ, प्रयागराज, परमार्थ निकेतन शिविर में प्रसिद्ध कथावाचक देवी चित्रलेखा जी का आगमन हुआ। देवी चित्रलेखा जी ने पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती जी से भेंटकर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर उनके माता-पिता, स्वामी अनंतानंद जी (रामजी) महाराज और स्वामी अमृतानंद जी महाराज भी की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस पवित्र अवसर पर नारी शक्ति के सशक्त नेतृत्व पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई, जिसमें शक्ति, भक्ति और संकल्प की धरती महाकुम्भ प्रयाग में नारी सशक्तिकरण को लेकर विचारविमर्श किया। महाकुम्भ प्रयागराज का पूरे विश्व में एक विशिष्ट स्थान है, यहां पर जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे शक्ति, भक्ति और संकल्प, का समागम है। इसी समागम में परमार्थ निकेतन शिविर में पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में एक दिव्य शक्ति सशक्तिकरण संकल्प लिया गया। परमार्थ निकेतन शिविर, महाकुम्भ की धरती पर भक्ति और शक्ति का ऐसा अद्भुत समन्यव हुआ जो समाज के समग्र उत्थान और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह नारी शक्ति के सशक्त नेतृत्व का आगाज हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि नारी को अपनी क्षमता और सामर्थ्य को जानने के लिए शिक्षा के साथ स्वयं पर विश्वास करने की अत्यंत आवश्यकता है। जब विदुषी नारियों का नेतृत्व और मार्गदर्शन समाज को प्राप्त होता है तो विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। स्वामी जी ने नारी शक्ति के सशक्त नेतृत्व के लिए एक रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि नारियों को हर क्षेत्र में समान अवसर मिलना चाहिए ताकि वे अपनी प्रतिभा और क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग कर सकें।

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