भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का दिव्य महोत्सव


परमार्थ निकेतन शिविर, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प, प्रयागराज में तीन दिवसीय कल्चर महाकुम्भ का आयोजन किया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, डा. साध्वी भगवती सरस्वती जी, भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी, सायना नेहवाल, एडवोकेट साई दीपक और विख्यात लेखक, साहित्यकार और विशिष्ट विभूतियों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हो रहा है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

प्रयागराज, 5 फरवरी। परमार्थ निकेतन शिविर, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प, प्रयागराज में तीन दिवसीय कल्चर महाकुम्भ का आयोजन किया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, डा. साध्वी भगवती सरस्वती जी, भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी, सायना नेहवाल, एडवोकेट साई दीपक और विख्यात लेखक, साहित्यकार और विशिष्ट विभूतियों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हो रहा है। वेदमंत्रों के उच्चारण व दीप प्रज्वलन के साथ प्रथम दिवस के प्रथम सत्र का शुभारम्भ हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम संगम के पावन तट पर नये संगम का दर्शन कर रहे हैं। यह प्रयाग की धरती से एक प्रयोग है। हमारा हर प्रयोग प्रयाग बने, प्रयाग, संगम की धरती है, ऋषियों की धरती है। हमारे देश में समता, समरसता व सद्भाव का संगम बना रहे, यही प्रयाग का प्रयोग है। यहां हम प्रभाव के लिये नहीं प्रभुभाव के लिये हैं। हमारा ध्येय राष्ट्र प्रथम होना चाहिये। हमारा प्रयास खुद से खुद को पाने का होना चाहिये। स्वामी जी ने कहा कि हमारी सभी बाहरी समस्याओं का समाधान संविधान में निहित हैं, परन्तु भीतरी व बाहरी सभी समस्याओं का समाधान हमारी संस्कृति व वेदों में समाहित है। स्वामी जी इस अवसर पर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और आरई (ऋषि इंटेलिजेंस) की सुन्दर व्याख्या की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम भारत को भारत की दृष्टि और भारत के एंगल से देखें।

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