परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने बहà¥à¤®à¥à¤–ी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ के धनी कदà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤° नेता अटल बिहारी बाजपेयी जी की पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि आज से à¤à¤• वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ à¤à¤• अटल वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विराट में विलीन हो गया था |
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 16 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने बहà¥à¤®à¥à¤–ी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ के धनी कदà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤° नेता शà¥à¤°à¥€ अटल बिहारी बाजपेयी जी की पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि आज से à¤à¤• वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ à¤à¤• अटल वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विराट में विलीन हो गया था आज हम सब उस विराट वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते है। वे जब तक जिये राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के लिये जियेेेे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि अटल जी, अटल थे, सबल थे और निरà¥à¤¬à¤²à¥‹à¤‚ के बल थे, वे जिससे à¤à¥€ मिलते थे सहजता से उसके हृदय को छू लेते थे। अटल जी लोकसà¤à¤¾ में हो या जन सà¤à¤¾à¤“ं में हो उनकी वाणी, उनकी विदà¥à¤µà¤¤à¤¾ और उनकी नमà¥à¤°à¤¤à¤¾ की तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤£à¥€ समाज के हर वरà¥à¤— के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को छू लेती थी। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कवि हृदय à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨, सौमà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ के धनी कदà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤° नेता शà¥à¤°à¥€ अटल जी को à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤œà¤‚लि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि सृजनशील, संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¶à¥€à¤² और संवेदनशील अटल जी जाने से पहले अपनी कविताओं की à¤à¤¸à¥€ रोशनी और जोश दे गये जो इस देश को सदियों तक रोशन और जागृत बनाये रखेगा। वे कà¥à¤¶à¤² संगठन करà¥à¤¤à¤¾ थे; पà¥à¤°à¤–र पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ थे और सफल राजनेता थे। कितनी à¤à¥€ जटिल से जटिल समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤‚े हों या जटिल विषय हांे उनका कवि हृदय सहजता से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤²à¤à¤¾ लेता था। उनका जीवन सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के लिये नहीं बलà¥à¤•à¤¿ नये à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सृजन के लिये ही था। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि आज अटल जी हमारे बीच नहीं हैं परनà¥à¤¤à¥ उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित कवितायंे वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ और आगे आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का हमेशा मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करती रहेंगी। उनकी कविताओं में देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निषà¥à¤ ा और देश के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® ओतपà¥à¤°à¥‹à¤¤ है, वे हमारे बीच नहीं हैं परनà¥à¤¤à¥ उनके विचार हमेशा जीवंत बने रहेंगे।