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संत महापुरूषों में नजर आती है पूज्य गुरूदेव की छवि-ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी


जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज एक महान संत तथा पुण्यात्मा थे। महापुरूषों का ध्यान करने मात्र से ही ज्ञान व प्रेरणा की प्राप्ति होती है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 8 सितम्बर। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज एक महान संत तथा पुण्यात्मा थे। महापुरूषों का ध्यान करने मात्र से ही ज्ञान व प्रेरणा की प्राप्ति होती है। भीमगोड़ा स्थित जयराम आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज की षोड़श पुण्यतिथी के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज के प्रेरणास्रोत ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज के दिखाए मार्ग पर चलते हुए सबको समाज सेवा संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान राम के गुणों का अनुकरण करना ही धर्म है। त्याग ओर तपस्या की प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने आजीवन भगवान राम के धर्म एवं गुणों का अनुसरण करते हुए समाज का मार्गदर्शन किया। जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज का पूरा जीवन सभी के लिए अनुकरणीय है। उनके आदर्शो का अनुपालन करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। गुरूदेव से मिला ज्ञान उन्हें सदैव संत सेवा के लिए प्रेरित करता है। संतों में उन्हें हमेशा अपने गुरू की छवि ही नजर आती है। गुरू के आशीर्वाद का ही प्रतिफल है कि उन्हें हमेशा संत समाज का मार्गदर्शन मिलता रहा है। स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि कोरोना के चलते आज पूरी दुनिया जिस दशा से गुजर रही है। उस दशा को संत ही बदल सकते हैं। वैदिक यज्ञ अनुष्ठान के माध्यम से किसी भी संकट को दूर भगाया जा सकता है। पूरे विश्व को संकट में डालने वाले कोरोना को भी यज्ञ अनुष्ठान के माध्यम से ही परास्त किया जा सकता है। श्री निर्मल पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। सदैव परोपकार व परमार्थ के लिए जीने वाले ब्रह्म्लीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। जयराम आश्रमों की विस्तृत श्रंखला स्थापित कर सेवा का संदेश देने वाले ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों को आगे बढ़ाते हुए स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी अपने गुरूदेव की विरासत को जिस प्रकार आगे बढ़ा रहे हैं। वह सभी के लिए अनुकरणीय है। सभी को ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज द्वारा स्थापित आदर्शो को आत्मसात कर देश सेवा का संकल्प लेना चाहिए। म.म.स्वामी राजेंद्रानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज का जीवन गौ सेवा व गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए समर्पित था। गरीब असहायों की मदद करना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य था। कार्यक्रम का संचालन महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज व प्रो.शिवशंकर मिश्र ने किया। इस अवसर पर म.म.स्वामी रामेश्वरानन्द सरस्वती, श्रीमहंत विनोद गिरी, श्रीमहंत साधनानंद, स्वामी गंगादास उदासीन, म.म.स्वामी राजेंद्रानंद, बाबा हठयोगी, स्वामी ललितानन्द गिरी, स्वामी ऋषि रामकिशन, स्वामी संतोषानंद देव, स्वामी ज्ञानानंद, महंत जमनादास, महंत विष्णुदास, महंत मोहन सिंह, स्वामी जगदीशानंद गिरी, स्वामी सत्यव्रतानन्द, महंत अरूणदास, पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रदीप चैधरी, विजय सारस्वत, मकबूल कुरैशी, नईम कुरैशी, राजीव गौड़, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, सुनीत मिश्रा, गंगाराम आडवाणी, शिव सहगल, दीप शर्मा, सचिन शर्मा, जयपाल सिंह आदि सहित आश्रम के ट्रस्टी एवं भक्तजन उपस्थित रहे।

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