बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरेंदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज को सà¤à¥€ तेरह अखाड़ों के संत महंतों ने अपनी और से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देते हà¥à¤ à¤à¤• महान संत बताया। इस अवसर पर शहरी विकास मंतà¥à¤°à¥€ मदन कौशिक ने कहा कि संतों के सानिधà¥à¤¯ में उतà¥à¤¤à¤® चरितà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होता है।
रिपोर्ट - रामेशà¥à¤µà¤° गौड़
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 6 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरेंदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज को सà¤à¥€ तेरह अखाड़ों के संत महंतों ने अपनी और से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देते हà¥à¤ à¤à¤• महान संत बताया। इस अवसर पर शहरी विकास मंतà¥à¤°à¥€ मदन कौशिक ने कहा कि संतों के सानिधà¥à¤¯ में उतà¥à¤¤à¤® चरितà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होता है। जिससे वह सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को सबल बनाकर à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के मारà¥à¤— पर अगà¥à¤°à¤¸à¤° होता है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरेंदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज समाज के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ कर à¤à¤• नई दिशा पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की। à¤à¥‚पतवाला सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤à¥ हरिनाथ मंदिर आशà¥à¤°à¤® में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरेंदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज की 14वीं पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¥€ पर संत समाज को संबोधित करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परमारà¥à¤¥ के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहता है। सà¤à¥€ को इनके जीवन से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठततà¥à¤ªà¤° रहना चाहिà¤à¥¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि समारोह की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ महंत विदà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤‚द सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज ने कहा कि महापà¥à¤°à¥‚ष केवल शरीर तà¥à¤¯à¤¾à¤—ते हैं। उनके उपदेश सदैव समाज को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देते हैं। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरेंदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ दिवà¥à¤¯ महापà¥à¤°à¥‚ष थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ सनातन धरà¥à¤® के उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ हेतॠसमà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जीवन समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया। राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤•à¤¤à¤¾ अखणà¥à¤¡à¤¤à¤¾ बनाठरखने में उनका योगदान सदैव सà¥à¤®à¤°à¤£à¥€à¤¯ रहेगा। आशà¥à¤°à¤® के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महंत देवानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज ने कहा कि संतों के दरà¥à¤¶à¤¨ मातà¥à¤° से पापों की निवृति à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤£à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। जीवन में जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ होता है। पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥‚देव बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरेंदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज à¤à¤• तपसà¥à¤µà¥€ संत थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जीवन असहाय लोगों की मदद की और मानव सेवा हेतॠजीवन समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के आदरà¥à¤¶à¥‹ पर चलकर संत समाज की सेवा कर उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ सेवा के पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ªà¥‹à¤‚ में निरंतर वृदà¥à¤§à¤¿ की जा रही है। शà¥à¤°à¥€ महंत विनोद गिरी महाराज à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रामगिरी महाराज ने कहा कि महापà¥à¤°à¥‚षों ने समाज को सदैव à¤à¤•à¤¤à¤¾ के सूतà¥à¤° में बांधा है और संतों की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से ही समाज में समरसता का वातावरण बनता है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरेंदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज ने समाज से जातपात ऊंचनीच का à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ मिटाकर समाज को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दी। संत समाज उनका सदैव आà¤à¤¾à¤°à¥€ रहेगा। इस दौरान महंत दà¥à¤°à¥à¤—ादास, संत जगजीत सिंह, महंत पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¦à¤¾à¤¸, महंत निरà¥à¤®à¤²à¤¦à¤¾à¤¸, महंत धीरेंदà¥à¤° पà¥à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ललितानंद गिरी, à¤à¤•à¥à¤¤ दà¥à¤°à¥à¤—ादास, महंत महेश महाराज, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विषà¥à¤£à¥ देवानंद, साधà¥à¤µà¥€ माधवानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आशà¥à¤¤à¥‹à¤· पà¥à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¾à¤¨à¤‚द, महंत राजेंदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤‚द, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पूरà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤‚द गिरी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सतà¥à¤¯à¤µà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द, सतपाल बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथा सिंह, आचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पारसमà¥à¤¨à¤¿, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤‚द, महंत साधनानंद, पारà¥à¤·à¤¦ अनिरूदà¥à¤§ à¤à¤¾à¤Ÿà¥€, अनिल मिशà¥à¤°à¤¾, अतà¥à¤² शरà¥à¤®à¤¾, राजेंदà¥à¤° शरà¥à¤®à¤¾ आदि सहित बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में संत महंत व शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ मौजूद रहे।