Latest News

श्रीगुरुकृपा कुटीर में गोवर्धनधारी को छप्पन भोग लगाये


श्रीगुरुकृपा कुटीर की परमाध्यक्ष संतश्री रमादेवी माताजी के सानिध्य में आज अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर भगवान गोवर्धनधारी को छप्पन भोग लगाकर सम्पूर्ण राष्ट्र में सुख एवं समृद्धिशाली समाज निर्माण की कामना की गई तथा बृजमण्डल एवं द्वारकापुरी की संस्कृति के संरक्षण हेतु वृहद स्तर पर भजन कीर्तन, पूजा आरती का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार, 28 अक्टूबर। श्रीगुरुकृपा कुटीर की परमाध्यक्ष संतश्री रमादेवी माताजी के सानिध्य में आज अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर भगवान गोवर्धनधारी को छप्पन भोग लगाकर सम्पूर्ण राष्ट्र में सुख एवं समृद्धिशाली समाज निर्माण की कामना की गई तथा बृजमण्डल एवं द्वारकापुरी की संस्कृति के संरक्षण हेतु वृहद स्तर पर भजन कीर्तन, पूजा आरती का आयोजन किया गया। दिल्ली, यूपी तथा गुजरात से पधारे सैकड़ों भक्तों को भगवान द्वारकाधीश के जीवन चरित्र एवं समाज निर्माण की लीलाओं का वर्णन करते हुए श्रीगुरुकृपा कुटीर की परमाध्यक्ष संत श्रीरमादेवी माताजी ने कहा कि भगवान के छप्पन भोग का प्रसाद भक्तों के अन्तःकरण को पवित्र कर समस्त विकार एवं विकृतियों का शमन कर देता है जिससे व्यक्ति के जीवन में सरलता, सहजता एवं सहृदयता का समावेश हो जाता है। श्रीगुरुकृपा कुटीर में विगत 42 वर्षों से आयोजित हो रहे अन्नकूट गोवर्धन महोत्सव की विशिष्टताओं का वर्णन करते हुए उन्हांेने कहा कि पूज्य गुरुदेव ने पतित पावनी मां गंगा के तट से यह सेवा उस समय प्रारम्भ की थी जब इस आनन्द वन क्षेत्र में ऋषि परम्परा का सम्वर्द्धन प्रारम्भ हो चुका था। पूज्य गुरुदेव को नमन करते हुए उन्हांेने कहा कि मां गंगा के अमृत रुपी पवित्र जल से निर्मित छप्पन भोग का आज भी प्रभाव है कि जो भक्त इस समारोह का प्रसाद ग्रहण कर लेता है उसके जीवन में नयी अध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो जाता है। आश्रम की व्यवस्थापक साध्वी भक्तीदेवी ने भगवान गोवर्धन की आरती उतार कर सम्पूर्ण राष्ट्र एवं विश्व कल्याण की कामना करते हुए कहा कि तीर्थस्थल का यह आनन्द वन क्षेत्र गंगातट पर सैकड़ों वर्षों से ऋषि मुनियों की तप स्थली रहा है और यही वह स्थान है जहां पर ऋषि कुमारों ने भागवत कथा का प्रादुर्भाव किया था। संत श्रीरमादेवी एवं साध्वी भक्तीदेवी ने पूज्य गुरुओं की संयुक्त रुप से आरती उतार कर सभी भक्तों तथा अनुयायियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की इससे पूर्व संत श्रीरमादेवी माताजी जी ने शंखनाद के माध्यम से भगवान एवं गुरुओं का आवाह्न कर छप्पन भोग का रसास्वादन कराया। इस अवसर पर दिल्ली तथा गुजरात से पधारे हरीश कुमार, अंजनी बेन, प्रवीन भाई, भगीरथ भाई, कोमुदी बेन, कावेरी बेन तथा सविता बेन इत्यादि ने अमृत तुल्य पवित्र गंगाजल से निर्मित छप्पन भोग तैयार करवा कर भगवान को समर्पित किए।

Related Post