Latest News

आज भी प्रासंगिक हैं गुरूनानक देव की शिक्षाएं-मदन कौशिक


ललतारौ स्थित गुरूद्वारा गुरूसिंह सभा में गुरू नानक देव का पांच सौ पचासवें प्रकाशोत्सव धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गुरूद्वारे में में शबद कीर्तन व गुरूवाणी के पाठ का आयोजन किया गया। प्रकाशोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए और गुरूद्वारे में माथा टेककर अरदास में भाग लिया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 12 नवंबर। ललतारौ स्थित गुरूद्वारा गुरूसिंह सभा में गुरू नानक देव का पांच सौ पचासवें प्रकाशोत्सव धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गुरूद्वारे में में शबद कीर्तन व गुरूवाणी के पाठ का आयोजन किया गया। प्रकाशोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए और गुरूद्वारे में माथा टेककर अरदास में भाग लिया। प्रकाशोत्सव में सम्मिलित होने पहुंचे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह का गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार मनमोहन सिंह, सचिव हरमोहन सिंह तनेजा, संयोजक किशन सिंह बेदी सदस्य मंजीत सिंह, दलजीत सिंह हरदीप सिंह, रमणीक सिंह, परवीर सिंह, अजय कुमार कुमार, अनिल कुमार, गुरमीत सिंह आदि ने सरोपा भेंटकर स्वागत किया। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने गुरूनानक देव के पांच सौ पचासवें प्रकाशोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि गुरूनानक देव महान संत तथा समाज सुधारक थे। समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए जीवन भर प्रयत्न करने वाले गुरूनानक देव का मानना था कि समाज में जात पात का कोई स्थान नहीं है। सभी मनुष्य समान है। सभी धर्मो का समान रूप से सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरूनानक देव की शिक्षाएं आज भी पूरी तरह प्रासंगिक हैं। उनकी शिक्षाओं पर अमल करते हुए आदर्श समाज बनाने में सभी को सहयोग करना चाहिए। कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि एकता के सूत्र में बांधने में गुरूनानक देव का अतुलनीय योगदान है। उनके दिखाए मार्ग व शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए समाज में समरसता कायम करने में सभी योगदान करें। गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार मनमोहन सिंह व सचिव हरमोहन सिंह तनेजा ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरूनानक देव का मानना था कि ईश्वर एक है। सभी धर्म समान हैं। समाज में कोई छोटा बड़ा नहीं है। सभी को समान रूप सम्मान मिलना चाहिए। मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है। उन्होंने कहा कि सिख समाज ने देश के विकास में हमेशा ही आगे बढ़कर अपना योगदान किया है। देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराने में सिख समाज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आजादी के बाद देश को तरक्की के मार्ग पर ले जाने में सिख समाज का योगदान महत्वपूर्ण है। सरदार रमणीक सिंह ने कहा कि गुरूनानक देव ने राष्ट्र को एकता व भाईचारे का संदेश लेकर मजबूती प्रदान करने में योगदान किया। उनके पदचिन्हों पर चलकर अपने जीवन को प्रगति की और अग्रसर करें। समाज में फैली विसंगतियों को दूर करने में सभी की सहभागिता होनी चाहिए। धर्म अधर्म के कार्यो को रोकता है। गुरूनानक देव के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेकर सच्चाई के मार्ग पर चलें। इस दौरान श्रद्धालुओं के अटूट लंगर बरताया गया।

Related Post