मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाओं को à¤à¥€ रिवरà¥à¤¸ तलाक का अधिकार, केरल हाईकोरà¥à¤Ÿ ने ठहराया वैध
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
केरल हाईकोरà¥à¤Ÿ ने बड़ा फैसला देते हà¥à¤ अदालत के बाहर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिला की ओर से पति को दिठजाने वाले à¤à¤•à¤¤à¤°à¤«à¤¾ तलाक को कानूनन वैध ठहराया है। इस तरह के तलाक को खà¥à¤²à¤¾ तलाक à¤à¥€ कहते हैं। केरल हाईकोरà¥à¤Ÿ के जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ ठमà¥à¤¹à¤®à¥â€à¤®à¤¦ मà¥à¤¸à¥â€à¤¤à¤¾à¤• और जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ सीà¤à¤¸ डायस की बेंच ने खà¥à¤²à¤¾ तलाक को मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की ओर से दिठजाने वाले तलाक के बराबर बताया है। इसके साथ ही 1972 के à¤à¤• फैसले को सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾ जिसमें मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिला को à¤à¤¸à¥‡ अधिकार न देने की मांग की गई थी। साल 1972 के à¤à¤• फैसले में à¤à¤• à¤à¤•à¤² पीठने बोला था कि अदालत के बाहर à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिला अपने पति को तलाक नहीं दे सकती है। जबकि मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को इसके जरिठपतà¥â€à¤¨à¥€ को तलाक देने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ है। कोरà¥à¤Ÿ ने कहा था कि महिलाओं को तलाक के लिठडिसॉलà¥â€à¤¯à¥‚शन ऑफ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® मैरिजेज à¤à¤•à¥â€à¤Ÿ 1939 के अंतरà¥à¤—त कोरà¥à¤Ÿ का रà¥à¤– करना आवशà¥à¤¯à¤• है। पीठने कई अपील पर विचार करने के बाद कहा कि डीà¤à¤®à¤à¤®à¤ केवल फासà¥â€à¤– को आधिकारिक करता है। जो कि पतà¥à¤¨à¥€ के उदाहरण पर तलाक होता है जिसमें à¤à¤• अदालत बताठगठकारण की वैधता के आधार पर निरà¥à¤£à¤¯ लेती है। अदालत ने कहा कि इसके अतिरिकà¥à¤¤ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤• तलाक के अनà¥à¤¯ बहà¥à¤¤ से तरीके मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाओं के लिठउपलबà¥à¤§ हैं, जैसा कि शरीयत अधिनियम की धारा 2 में बताया गया है।संविधान और अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ समà¤à¥Œà¤¤à¥‹à¤‚ की मूल à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ देश के सà¤à¥€ नागरिकों के लिठ‘तलाक के सामान आधार’ रखने का अनà¥à¤°à¥‹à¤§ वाली याचिका के खिलाफ ऑल इंडिया मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® परà¥à¤¸à¤¨à¤² लॉ बोरà¥à¤¡ ने à¤à¥€ सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ में अरà¥à¤œà¥€ दी है