मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल देहरादून के कैंसर रोग विशेषज्ञों ने जागरूकता बढ़ाने के लिए ’वर्ल्ड हेड एंड नेक कैंसर सप्ताह’ मनाया


भारत में ओरल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल देहरादून के कैंसररोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया और ’सिर और गर्दन के कैंसर का विश्व सप्ताह 2021’ मनाया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

देहरादून, 15 अप्रैल, 2021- भारत में ओरल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल देहरादून के कैंसररोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया और ’सिर और गर्दन के कैंसर का विश्व सप्ताह 2021’ मनाया। मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, देहरादून में सर्जिकल आॅन्कोलॉजी की प्रमुख कंसल्टेंट डॉ. मनीषा पटनायक ने कहा, ’वैश्विक स्तर पर होने वाले ओरल कैंसर के सर्वाधिक 75 हजार से 80 हजार मामले हर साल भारत में ही सामने आते हैं। वहीं, विश्व में सिर और गर्दन के कैंसर के 57.5 फीसदी मामले एशिया और खासकर भारत में ही हैं। ये आंकड़े न सिर्फ स्वास्थ्य की बदतर स्थिति बयां करते हैं, बल्कि इनसे अर्थव्यवस्था और विकास भी पर बुरा असर पड़ता है। भारत में मुंह के छाले या जख्म होने की सबसे बड़ी वजह सुपारी के साथ तंबाकू के सेवन को माना जाता है जिस कारण 25 फीसदी मुंह के कैंसर और फिर सिर और गर्दन के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। सिगरेट पीने वालों को हतोत्साहित करने के लिए सरकार ने भारीकृभरकम कर लगाने के साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन गुटखा जैसे अन्य तंबाकू उत्पादों पर रोक के लिए ऐसा कोई प्रयास नहीं किया गया है।' डॉ. मनीषा पटनायक ने बताया, भारत युवाओं की आबादी वाला देश है और यहां लंबे समय से तंबाकू का सेवन किया जा रहा है। देश में सभी तरह के कैंसर मामलों में पुरुष मरीजों की संख्या 30 फीसदी और महिला मरीजों की संख्या 11 से 16 फीसदी होने का यही मुख्य कारण है। धूम्रपान करने वालों या तंबाकू का सेवन करने वालों में कैंसर का खतरा 20 वर्ष के बाद स्पष्ट होता है। पुरुषों में 30-60 फीसदी और महिलाओं में 10-30 फीसदी कैंसर के मामले तंबाकू से ही जुड़े होते हैं यानी भारत में 17 में से एक पुरुष और 50 में से एक महिला में तंबाकू सेवन से जुड़े कैंसर का आजीवन खतरा बना रहता है। साथ ही अल्कोहल के सेवन का भी असर होता है। उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्यकर्मियों और बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण इन क्षेत्रों के बहुत सारे मरीजों को दिल्ली जाना पड़ता है। देहरादून स्थित मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हास्पिटल में मरीज ओरल कैंसर के इलाज के लिए माइक्रोवैस्कुलर रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी और कमांडो सर्जरी करा सकते हैं क्योंकि यह सुविधा सिर्फ इसी अस्पताल में ही उपलब्ध है। लोग अन्य मेट्रोपोलिटन शहरों के मुकाबले 30 फीसदी कम खर्च पर यह इलाज सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। इस मौके पर मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, देहरादून में मेडिकल आॅन्कोलॉजी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. रेणु शर्मा ने कहा, श्हर साल भारत में ओरल कैंसर के लगभग दो तिहाई मामले गिनिवोकृबकल सल्कस में होता है और इसे श्इंडियन ओरल कैंसरश् के नाम से जाना जाता है और इस वजह से सालाना 5,56,400 मरीजों की मौत हो जाती है। सिर और गर्दन के कैंसर से हालांकि पूरी तरह मुक्ति नहीं मिल पाती है लेकिन लोग नियंत्रित रहते हुए इससे जुड़े जोखिमों को कम कर सकते हैं। धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन त्याग दें, संतुलित आहार लें, सूर्य की रोशनी में रहें और नियमित रूप से लिप बाम लगाएं, सुरक्षित यौन संबंध बनाएं और मुंह की अच्छी तरह साफकृसफाई रखें।श् कोई व्यक्ति यदि वर्षों से धूम्रपान कर रहा है या तंबाकू का सेवन कर रहा है तो भी इनका सेवन त्यागने से सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल देहरादून में कई विभागों के क्लिनिक के साथ ही कैंसर ट्यूमर बोर्ड भी है। इस बोर्ड में सर्जिकल आॅन्कोलॉजिस्ट, मेडिकल आॅन्कोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट हैं जो मरीजों को अधिकतम संतुष्टि देने के लिए विभिन्न प्रकार के अपकृटुकृडेट और पक्षपात रहित सलाह देते हैं। अस्पताल के कैंसररोग विभाग में कैंसर केयर क्षेत्र की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और उपकरण हैं। यहां कैंसर मरीजों को विभिन्न प्रकार की चिकित्सा ओर सर्जिकल उपचार पद्धतियां और इलाज दिए जाते हैं। 15 बिस्तरों वाले इस विभाग में कैंसर चिकित्सा के लिए दो आॅपरेशन थियेटर हैं। इस अस्पताल में टर्शियरी केयर की सुविधा के अलावा प्लास्टिक, माइक्रो वैस्कुलर और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की सुविधा भी है। विशेषज्ञों की टीम मरीजों को विश्व में उपलब्ध आधुनिक उपचार प्रोटोकॉल के तहत उपचार देते हैं जिनमें अत्याधुनिक सर्जरी से लेकर कीमोथेरापी शामिल हैं। अस्पताल में कैंसर के मरीज रिहैबिलिटेशन सुविधाएं भी प्राप्त कर सकते हैं।

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