परमारà¥à¤¥ निकेतन में à¤à¤¯à¤° वाईस मारà¥à¤¶à¤² à¤à¤¾à¤¨à¥‹ जी राव पधारे। परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने शंख धà¥à¤µà¤¨à¤¿ से à¤à¤¯à¤° वाईस मारà¥à¤¶à¤² à¤à¤¾à¤¨à¥‹ जी राव का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat
ऋषिकेश, 3 दिसमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में à¤à¤¯à¤° वाईस मारà¥à¤¶à¤² à¤à¤¾à¤¨à¥‹ जी राव पधारे। परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने शंख धà¥à¤µà¤¨à¤¿ से à¤à¤¯à¤° वाईस मारà¥à¤¶à¤² à¤à¤¾à¤¨à¥‹ जी राव का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ जल सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾, वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£, नदियों को पà¥à¤°à¤¦à¥à¤·à¤£ मà¥à¤•à¥à¤¤ करने में संत, सेना और समाज का योगदान जैसे अनेक विषयों पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ सà¤à¥€ ने परमारà¥à¤¥ गंगा आरती में सहà¤à¤¾à¤— किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¯à¤° वाईस मारà¥à¤¶à¤² à¤à¤¾à¤¨à¥‹ जी राव ने विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ हवन में देश के शहीदों की आतà¥à¤®à¤¾ की शानà¥à¤¤à¤¿ के लिये विशेष आहूतियां समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की। आज परमारà¥à¤¥ गंगा तट ’’राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान और वंदेमातरमà¥â€™â€™ के संगीत से गूंज रहा था। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने कहा कि मà¥à¤à¥‡ लगता है ’’अब देव à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से पहले देश à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ होनी चाहिये। à¤à¤¾à¤°à¤¤ का à¤à¤• मजबूत लोकतंतà¥à¤° है इसे और मजबूत बनाने के लिये हर दिल में देश à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का दीप जलाना होगा। à¤à¤¾à¤°à¤¤, देश सà¤à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, वरà¥à¤—ो, वरà¥à¤£à¥‹, à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं, वेशà¤à¥‚षाओं à¤à¤µà¤‚ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं का सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° बगीचा है इसमें सबके साथ और सबके विकास की खà¥à¤¶à¤¬à¥‚ सदैव फैलती रहे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने कहा कि ’’हम सà¤à¥€ à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ से ऊपर उठकर सब à¤à¤• होकर यह सोचे कि हम सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ है तथा सà¤à¥€ à¤à¤• परमातà¥à¤®à¤¾ की संतान है। हम सà¤à¥€ मिलकर देश की à¤à¤•à¤¤à¤¾, अखणà¥à¤¡à¤¤à¤¾, समरसता और सदà¥à¤à¤¾à¤µ के लिये काम करें। आज इस देश को वासà¥à¤¤à¤µ में किसी चीज की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है तो वह है सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾, समरसता और सजगता यह सदà¥à¤à¤¾à¤µ बना रहे यही इस देश का संगम है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ देश की रकà¥à¤·à¤¾ करने वाले सैनिकों को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• सैनिकों की हर धड़कन और हर शà¥à¤µà¤¾à¤¸ इस देश के लिये धड़कती है इसलिये हमारा तिरंगा लहराता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि हमारे देश के सैनिक, किसी संत से कम नहीं है, जब तक वो जिंदा है तब तक इस देश की असà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾ जिंदा है, à¤à¤•à¤¤à¤¾, अखणà¥à¤¡à¤¤à¤¾ और इस देश की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ ंिजंदा है। आज इस देश को उतà¥à¤¤à¤°, दकà¥à¤·à¤¿à¤£, परà¥à¤µ और पशà¥à¤šà¤¿à¤® के संगम की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी महाराज ने कहा कि ’’à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• à¤à¥‚मि का टà¥à¤•à¤¡à¤¾ नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤, तो à¤à¤• जीता जागता राषà¥à¤Ÿà¥à¤° है, à¤à¤¾à¤°à¤¤, शानà¥à¤¤à¤¿ की धरती है और शानà¥à¤¤à¤¿ का पैगाम देती है। हमारा तो मंतà¥à¤° à¤à¥€ ऊठशानà¥à¤¤à¤¿à¤ƒ, शानà¥à¤¤à¤¿à¤ƒ, शानà¥à¤¤à¤¿à¤ƒ है और ये शानà¥à¤¤à¤¿ सब के लिये है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि इस देश की रकà¥à¤·à¤¾ हमारे सैनिक करते हैं, वे देश के पà¥à¤°à¤¥à¤® रकà¥à¤·à¤• हंै तथा देश की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की रकà¥à¤·à¤¾ करने वाले हमारे पूजà¥à¤¯ संत हंै जो हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को बनाये रखते हंै और उसकी रकà¥à¤·à¤¾ करते है, बिना संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के कोई à¤à¥€ देश जीवित नहीं रह सकता। à¤à¤• ओर सैनिक और दूसरी ओर संत दोनों से ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सीमाà¤à¤ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ बची हà¥à¤ˆ है।सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने à¤à¤¯à¤° वाईस मारà¥à¤¶à¤² à¤à¤¾à¤¨à¥‹ जी राव को परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पौधा à¤à¥‡à¤‚ट करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° ही पà¥à¤°à¤—ति के पथ पर आगे बॠसकता है अतः हम सà¤à¥€ को इस ओर मिलकर कारà¥à¤¯ करना होगा।। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी महाराज ने गंगा आरती में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को जल à¤à¤•à¤² उपयोग पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग न करने का संकलà¥à¤ª कराया।