उदासीनाचारà¥à¤¯ जगतगà¥à¤°à¥ à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° की 528वीं जयंती कनखल पहाड़ी बाजार सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा नया उदासीन में समारोह पूरà¥à¤µà¤• मनायी गयी। अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद à¤à¤µà¤‚ मां मनसा देवी मंदिर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤¤à¤‚ रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤‚à¥à¤°à¥€ महाराज की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ तथा शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मà¥à¤–िया महंत à¤à¤—तराम महाराज, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त धà¥à¤¨à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ महाराज के संयोजन में आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में संत समाज ने धरà¥à¤® घà¥à¤µà¤œà¤¾ फहरायी की और à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर लोककलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की कामना की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 5 सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ उदासीनाचारà¥à¤¯ जगतगà¥à¤°à¥ à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° की 528वीं जयंती कनखल पहाड़ी बाजार सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा नया उदासीन में समारोह पूरà¥à¤µà¤• मनायी गयी। अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद à¤à¤µà¤‚ मां मनसा देवी मंदिर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤¤à¤‚ रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤‚à¥à¤°à¥€ महाराज की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ तथा शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मà¥à¤–िया महंत à¤à¤—तराम महाराज, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त धà¥à¤¨à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ महाराज के संयोजन में आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में संत समाज ने धरà¥à¤® घà¥à¤µà¤œà¤¾ फहरायी की और à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर लोककलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की कामना की। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤‚à¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° जन-जन के आराधà¥à¤¯ और संत समाज के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ हैं। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° ने समाज में जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ कर अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ के अंधकार को दूर किया और कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को दूर कर समाज को à¤à¤•à¤¤à¤¾ के सूतà¥à¤° में बांधा। मà¥à¤–िया महंत à¤à¤—तराम महाराज ने कहा कि समाज को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देने वाले à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° की शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते हà¥à¤ सà¤à¥€ को मानव कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में योगदान करना चाहिà¤à¥¤ अखाड़ा परिषद अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ के सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° के दिखाठजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के मारà¥à¤— का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते हà¥à¤ संत समाज राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में अपना योगदान कर रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संत समाज ने हमेशा ही à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¤°à¥‡à¤£à¤¾ देकर उनके कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ किया है। अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च निरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ अनी अखाड़े के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त धरà¥à¤®à¤¦à¤¾à¤¸ महाराज ने कहा कि जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° à¤à¤—वान किसी à¤à¤• संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ विशेष के नहीं बलà¥à¤•à¤¿ समसà¥à¤¤ संत समाज के पूजनीय है। हम सà¤à¥€ को उनके आदरà¥à¤¶ पूरà¥à¤£ जीवन मे निहित सार को अपनाते हà¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤•à¤¤à¤¾ अखंडता बनाठरखने में अपना सहयोग पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करना चाहिà¤à¥¤ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ उदासीनाचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° à¤à¤—वान लà¥à¤ªà¥à¤¤ होते उदासीन संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के पà¥à¤¨à¤ƒ पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤• और तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¤µà¤‚ तपसà¥à¤¯à¤¾ की साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ थे।