ब्रहमलीन अनंत श्री विभूषित क्षेत्रिय ब्रहमनिष्ट श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा स्वामी सोमनाथ गिरी महाराज के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित वृंदावन पीठाधीश्वर महामंडलेवर महेशानंद गिरी महाराज की शिव महापुराण कथा का बुधवार 4 सितंबर को समापन हो जाएगा।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
हरिद्वारः ब्रहमलीन अनंत श्री विभूषित क्षेत्रिय ब्रहमनिष्ट श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा स्वामी सोमनाथ गिरी महाराज के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित वृंदावन पीठाधीश्वर महामंडलेवर महेशानंद गिरी महाराज की शिव महापुराण कथा का बुधवार 4 सितंबर को समापन हो जाएगा। वहीं 6 सितंबर को महायोगी पायलट बाबा का षोडशी भंडारा व श्रद्धांजलि सभा होगी। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने देश के सभी संतों व सभी अखाडों के महामंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत आदि से श्रद्धांजलि सभा में पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने की अपील की है। महाराजश्री ने कहा कि महायोगी पायलट बाबा ने हिंदू सनातन धर्म का देश-विदेश में प्रचार किया। उनसे प्रभावित होकर विश्व भर के लोगों ने सनातन धर्म को ग्रहण किया। आज उनके दुनिया के 100 से भी अधिक देशों में भक्त हैं। महायोगी पायलट बाबा अपने भक्तों के दिलों में हमेशा विराजमान रहेंगे। उनका षोडशी भंडारा व श्रद्धंाजलि सभा का आयोजन 6 सितंबर को कनखल में स्थित उनके आश्रम में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशानुसार होगा। षोडशी भंडारा व श्रद्धांजलि सभा में महायोगी पायलट बाबा आश्रम की महामंत्री पायलट बाबा की परम शिष्या व उनकी उत्तराधिकारी महामंडलेश्वर साध्वी चेतनानंद गिरी महाराज व महामंडलेश्वर साध्वी श्रद्धा गिरी महाराज की अध्यक्षता व नेतृत्व में होगी। महामंडलेश्वर साध्वी चेतनानंद गिरी महाराज व महामंडलेश्वर साध्वी श्रद्धा गिरी महाराज अंतिम समय तक महायोगी पायलट बाबा की सेवा करती रही थीं। भंडारे व श्रद्धांजलि सभा आश्रम की अध्यक्ष योगमाता केको आइकावा कैला देवी के निर्देशन में भंडारे में देश भर के संत व पायलट बाबा के विश्व भर के भक्त भाग लेंगे। श्रद्धांजलि सभा का समय प्रातः 11 बजे रहेगा। षोडशी भंडारा दोपहर 12.30 से शुरू होगा और भगवान हरि की इच्छा तक चलेगा।