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मोरारी बापू को परमार्थ निकेतन गंगा आरती में पधारने हेतु किया आमंत्रित


देवभूमि उत्तराखंड का आज जन्मदिवस है। उत्तराखंड ने अपने 24 वर्ष पूर्ण किये व आज अपनी रजत जयंती मना रहा है। इस राज्य का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है। इस पवित्र भूमि को वेदों की ऋचाओं, उपनिषदों के सूत्रों, पुराणों और अनेकों धार्मिक ग्रंथों के मंत्रों में वर्णित किया गया है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 9 नवम्बर। देवभूमि उत्तराखंड का आज जन्मदिवस है। उत्तराखंड ने अपने 24 वर्ष पूर्ण किये व आज अपनी रजत जयंती मना रहा है। इस राज्य का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है। इस पवित्र भूमि को वेदों की ऋचाओं, उपनिषदों के सूत्रों, पुराणों और अनेकों धार्मिक ग्रंथों के मंत्रों में वर्णित किया गया है। यह आध्यात्मिक साधना, योग, ध्यान, तपस्या और संकल्प की भूमि है। उत्तराखंड की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत अत्यंत समृद्ध और विविधताओं से युक्त है। उत्तराखंड, चार दिव्य धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री का पवित्र घर है। यह भगवान श्रीहरि विष्णु और भगवान शिव की धरती है। जीवनदायिनी माँ गंगा और संरक्षक के रूप में हिमालय की छत्रछाया उत्तराखंड को पुष्पित और पल्लवित कर रही है। गंगा जी का पवित्र जल लोगों को आध्यात्मिक शांति और शुद्धता प्रदान करता है, वहीं हिमालय अपनी प्राकृतिक सुंदरता, स्वच्छ वायु और औषधीय जड़ी-बूटियों से इस भूमि को विशेष आशीर्वाद प्रदान कर रहा है। उत्तराखंड की यह दिव्य धरोहर न केवल इस प्रदेश को संजीवनी शक्ति प्रदान करती है, बल्कि यहाँ के निवासियों को भी स्वस्थ, समृद्ध और सशक्त बनाती है। गंगा और हिमालय की यह संगम उत्तराखंड को एक विशिष्ट, पूजनीय और दिव्य बनाता है। यह न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अनुपम है।

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