हारà¥à¤Ÿà¤«à¥à¤²à¤¨à¥‡à¤¸à¥ इंसà¥à¤Ÿà¤¿à¤Ÿà¥à¤¯à¥‚ट की अतà¥à¤¯à¤‚त लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ पारंपरिक मूलॠआधारित- अधिगम पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ के सतत पà¥à¤¨à¤ƒ पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ में अहम à¤à¥‚मिका
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
देहरादून 13 दिसंबर 2021- हारà¥à¤Ÿà¤«à¥à¤²à¤¨à¥‡à¤¸à¥ इंसà¥à¤Ÿà¤¿à¤Ÿà¥à¤¯à¥‚ट दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनके अतà¥à¤¯à¤‚त लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ पारंपरिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के सतत पà¥à¤¨à¤ƒ पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ के जारी पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ की कड़ी में वरà¥à¤šà¥à¤…ल पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¥‰à¤°à¥à¤® पर गीता जयंती समारोह का आयोजन किया गया । इस वरà¥à¤· à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही विशेष अतिथि- शà¥à¤°à¥€ पवन वरà¥à¤®à¤¾, आईà¤à¤«à¤à¤¸, लेखक दृ राजनयिक और पूरà¥à¤µ-राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ के सदसà¥à¤¯ ने गीता जयंती के अवसर पर अपने बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ विचार साà¤à¤¾ किठऔर समारोह की शोà¤à¤¾ बà¥à¤¾à¤ˆà¥¤ इस समारोह में समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ देशà¤à¤° के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ से करीब 15 हजार लोगों ने à¤à¤¾à¤— लिया। à¤à¤—वान कृषà¥à¤£ ने अरà¥à¤œà¥à¤¨ को मारà¥à¤— शीरà¥à¤· माह के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ को दिवà¥à¤¯ उपदेश दिया, इसलिठइस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। गीता का अरà¥à¤¥ है- ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ गान, इस दिन à¤à¤—वान कृषà¥à¤£ ने अरà¥à¤œà¥à¤¨ के हृदय में पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¹à¥à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इन संदेशों का संचार किया। हारà¥à¤Ÿà¤«à¥à¤²à¤¨à¥‡à¤¸à¥à¤¸ के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• शà¥à¤°à¥€ रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी महाराज, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बाबूजी कहा जाता था- उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शोध किया था कि à¤à¤—वान ने मातà¥à¤° 6-10 शà¥à¤²à¥‹à¤• ही अरà¥à¤œà¥à¤¨ को सà¥à¤¨à¤¾à¤ बाकी 690 शà¥à¤²à¥‹à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¹à¥à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अरà¥à¤œà¥à¤¨ के हृदय में संचारित किठगà¤à¥¤ इन संचारित संदेशों के सूकà¥à¤·à¥à¤® सà¥à¤ªà¤‚दनों को वेद वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने गीता के 18 अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ और शà¥à¤²à¥‹à¤•à¥‹à¤‚ में लिपिबदà¥à¤§ किया। गीता आज à¤à¥€ सà¤à¥€ आयॠवरà¥à¤— के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठउतनी ही पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है, जितनी की अरà¥à¤œà¥à¤¨ के लिठथी जब उसे धरà¥à¤® के लिठयà¥à¤¦à¥à¤§ करने के लिठपà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ थी। आज वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ डिजिटल यà¥à¤— है, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को उनकी पिछली पीà¥à¥€ के मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ à¤à¥€ हर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ व शान-शौकत की वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। à¤à¤¸à¥‡ में गीता दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नेक रासà¥à¤¤à¥‡ पर चलने का सही पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ देना आज के यà¥à¤— की मांग है। इसी अवसर पर दाजी ने à¤à¥€ अपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• “वेदों और उपनिषद की कथाà¤à¤‚†नामक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का विमोचन किया। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में उनकी पारखी नज़र ने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठसाहसिक कारनामे, खोज और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¤¾ से परिपूरà¥à¤£ कहानियों की शृंखला का चयन किया है। दाजी ने पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को सरल और सहज रीति से बखान किया है, जिससे बचà¥à¤šà¥‡ इसे सरलता से समठसकें और और सà¥à¤µ के खोज की यातà¥à¤°à¤¾ पर कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ की उड़ान à¤à¤° सकें। इन कहानियों को गायतà¥à¤°à¥€ पंचपड़े ने अपने मनमोहक रेखाचितà¥à¤°à¥‹à¤‚ से सजाया है। ये पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥ गà¥à¤°à¤‚थों के जटिल विशà¥à¤µ का सरल परिचय है। यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ऋषियों के दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤— के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का परिचय करवाने का बेहतरीन तरीका है। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के माधà¥à¤¯à¤® से दाजी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया कथा-कथन सदाचारिता, नैतिकता और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का खजाना है। इस अवसर पर दाजी ने अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि आज डिजिटल यà¥à¤— में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में “पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ पà¥à¤¨à¥‡ की आदत का लोप होने लगा है†। पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•, नैतिक और बौदà¥à¤§à¤¿à¤• विकास में सहायक हैं। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के लिखने का मेरा à¤à¤• ही उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ है- बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को सरल कथा-कथन और रेखांकन के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के à¤à¤‚डार से परिचित करवाना। मेरे जीवन के अनà¥à¤à¤µ ने सिखाया है कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को इंजीनियर, डॉकà¥à¤Ÿà¤° बनाने और जीवन यापन के लिठवà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• बनाने के अतिरिकà¥à¤¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने जीवन के वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• धà¥à¤¯à¥‡à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ जागरूक करवाना है। और अपने à¤à¥€à¤¤à¤° और बाहर शांति उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करने के तरीकों का à¤à¥€ विकास करना सिखाना है। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को आज पहले से अधिक वेद और उपनिषद की समठहोनी आवशà¥à¤¯à¤• है, जिसे वे à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की पीà¥à¥€ में इस वैदिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ रà¥à¤šà¤¿ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर सकें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “ मैं आशा करता हूठकि इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनमें पà¥à¤¨à¥‡ की रूचि à¤à¥€ विकसित होगीâ€à¥¤ इस अवसर पर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने गीता के शà¥à¤²à¥‹à¤•à¥‹à¤‚ का उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ और उनके अरà¥à¤¥ का वरà¥à¤£à¤¨ किया। इस अवसर पर पहले और दूसरे बैच के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° का वितरण किया गया।