अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और मुख्यसचिव उत्तरप्रदेश श्री दुर्गाशंकर जी की अयोध्या में भेंटवार्ता हुई। इस अवसर पर मÛ मÛ स्वामी प्रखर जी महाराज, स्वामी राघवाचार्य जी महाराज और काशी विश्व परिषद् के पूज्य संतों का सान्निध्य प्राप्त हुआ।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
अयोध्या, 4 मार्च। परमार्थ निकेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और मुख्यसचिव उत्तरप्रदेश श्री दुर्गाशंकर जी की अयोध्या में भेंटवार्ता हुई। इस अवसर पर मÛ मÛ स्वामी प्रखर जी महाराज, स्वामी राघवाचार्य जी महाराज और काशी विश्व परिषद् के पूज्य संतों का सान्निध्य प्राप्त हुआ। विश्व शान्ति और समाज में शिक्षा व संस्कारों के प्रसार-प्रचार हेतु अयोध्या में चल रहे लक्षचंड़ी महायज्ञ में मुख्यसचिव उत्तरप्रदेश श्री दुर्गाशंकर मिश्रा जी ने सपत्नीक सहभाग कर विश्व शान्ति और उत्तरप्रदेश की समृद्धि हेतु प्रार्थना की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय श्री दुर्गाशंकर मिश्रा जी से आगामी कुम्भ मेला, प्रयागराज के विषय में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ के दौरान त्रिवेणी संगम से भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और संस्कारों की गंगा पूरे विश्व में प्रवाहित हो इस हेतु पूज्य संतों, समाज व सरकार तीनों की त्रिवेणी को मिलकर कार्य करना होगा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के दिव्य मार्गदर्शन व नेतृत्व में त्रिवेणी संगम, प्रयागराज में परमार्थ निकेतन गंगा आरती की तर्ज पर ही दिव्य व भव्य आरती की शुरूआत की जायेगी। साथ ही सरयू तट, अयोध्या में भी दिव्य आरती की योजना बनायी जा रही हंै। स्वामी जी ने बताया कि त्रिवेणी संगम’ की इस दिव्य धरती पर सर्वसुविधाओं से युक्त गुरूकुल का निर्माण किया जा रहा हैं तथा आध्यात्मिक नगरी अयोध्या गुरूकुल खोलने की योजना बनायी जा रही है। जहां से पूज्य संतों और ऋषियों के ज्ञान और भारतीय संस्कृति की चिरस्थायी भव्यता को संरक्षित करने के साथ-साथ युवाओं के आध्यात्मिक उत्थान, स्वास्थ्य देखभाल, पारिस्थितिक और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता, शिक्षा, संस्कार आदि अनेक कार्योंे को यहां से संचालित किया जायेगा।