गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय में 'डिजिटल वालंटियर फॉर उत्तराखंड' शीर्षक से यूकोस्ट द्वारा पोषित 24- 25 जनवरी 2025 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है ।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय में 'डिजिटल वालंटियर फॉर उत्तराखंड' शीर्षक से यूकोस्ट द्वारा पोषित 24- 25 जनवरी 2025 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है । यह पहल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सोच का परिणाम है, जिसका उद्देश्य स्कूल जाने वाले छात्रों को नवीनतम तकनीकों का परिचय कराया और उन्हें नवाचार व डिज़ाइन थिंकिंग के क्षेत्र में प्रेरित करना है। कार्यशाला में हरिद्वार जिले के प्रमुख स्कूलों जिसमें डिवाइन लाइट स्कूल, डीपीएस दौलतपुर, ओलिविया इंटरनेशनल स्कूल, बीएम डीएवी पब्लिक स्कूल, डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, माँ सरस्वती पब्लिक स्कूल के 200 छात्र भाग ले रहे है। इस अवसर पर अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संकाय के छात्र आशीष मधुप, सुब्रत राज, और राहुल ने भी स्कूल के छात्रों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स ओर रोबाटिक्स तकनीक से परिचित कराया । इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता के. ने कहा कि यह पहल युवा नवप्रवर्तकों को पोषित करने की दिशा में एक कदम है, जो अपनी रचनात्मकता और तकनीकी कौशल के साथ भविष्य को आकार दे सकते हैं। विभिन्न स्कूलों के छात्रों की भागीदारी उत्तराखंड के युवाओं के उत्साह और क्षमता को दर्शाती है। कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने आयोजन टीम और प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि स्कूल के छात्रों को इतनी कम उम्र में नवीनतम तकनीकी प्रगति से परिचित कराना एक सराहनीय प्रयास है। यह न केवल जिज्ञासा को प्रज्वलित करता है बल्कि एक भविष्य के लिए तैयार पीढ़ी का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन, प्रो. विपुल शर्मा, ने आयोजन टीम और प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला युवा मन को नवीनतम तकनीकों के ज्ञान से सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मुझे उम्मीद है कि यह पहल छात्रों को नवाचार के लिए प्रेरित करेगी और उत्तराखंड की तकनीकी प्रगति में योगदान देगी। प्रो. मयंक अग्रवाल, विभागाध्यक्ष कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग ने 'हमारे आसपास की तकनीक' पर एक व्याख्यान दिया, जबकि डॉ. सुयश भारद्वाज, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर, ने 'नवाचार और डिजाइन थिंकिंग के अवधारणाओं' पर अपने विचार साझा किए।