150वीं जयंती पर देश à¤à¤° में विशेषकर शिकà¥à¤·à¤¾ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की गतिविधियों को आयोजित कर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® में उनके योगदान का सà¥à¤®à¤°à¤£ किया जा रहा है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
महातà¥à¤®à¤¾ गांधी की 150वीं जयंती पर देश à¤à¤° में विशेषकर शिकà¥à¤·à¤¾ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की गतिविधियों को आयोजित कर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® में उनके योगदान का सà¥à¤®à¤°à¤£ किया जा रहा है. इस कà¥à¤°à¤® में शनिवार, 21 सितमà¥à¤¬à¤° को राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤— और अजीम पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤œà¥€ फाउंडेशन के संयà¥à¤•à¥à¤¤ ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ में à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किया जायेगा . कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ के रूप में पà¥à¤°à¥‹0 हिमांशॠबौड़ाई, राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤—, हेनब गà¥à¤µà¤¾à¤² विशà¥à¤µ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ होंगी. कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¥‹0 आर à¤à¤¨ गैरोला करेंगे. इस अवसर पर à¤à¤• पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ à¤à¥€ आयोजित की जायेगी. गांधी जी को à¤à¤• नायक के रà¥à¤ª में याद करना केवल à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को याद करने जैसा होगा. लेकिन गांधी जी के विचार जो केवल विदेशी दासता से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठही नहीं थे, वरन उससे अधिक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनमानस को अपनी मानसिक, सामाजिक व आरà¥à¤¥à¤¿à¤• गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की जंजीरों को तोड़ने के लिठà¤à¥€ थे. मौजूदा वैशà¥à¤µà¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯ में उनका सतà¥à¤¯ और अहिंसा का दरà¥à¤¶à¤¨ और à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक हो गया है.दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में लोकतंतà¥à¤° का जो विचार सामà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦, राजà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ के खिलाफ हिंसातà¥à¤®à¤• संघरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के बाद आया गांधी ने उसकी परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ असहयोग, तारà¥à¤•à¤¿à¤• बल, अहिंसक जननानà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ , मौन और रचनातà¥à¤®à¤• विरोध से बदल दी. हम देखते हैं कि विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मत -मतानà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ के मधà¥à¤¯ उनके विचार सेतॠका सा कारà¥à¤¯ करते पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होते हैं . आज की पीà¥à¥€ जो कि गांधीजी के कृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर यदा- कदा पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥€ करती पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होती है, à¤à¤¸à¥‡ में उसके साथ गांधी को मानो या उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जानो पर à¤à¥€ संवाद करना जरूरी हो जाता है. निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही इस तरह के आयोजन गांधीजी को और गहनता से जानने में सहायक होंगें, वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ ककà¥à¤·à¤¸à¤®à¤¯ 11:00 बजे से पà¥à¤°à¥‹0 à¤à¤® à¤à¤® सेमवाल, विà¤à¤¾à¤—ाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤—।