आचारà¥à¤¯ मोहन चेतन ने दी महाराज साधना सदन ने अपने मà¥à¤–ारविंद से वेदांत की चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤ कहा की उपनिषद को ही वेदांत कहा जाता है ।उपनिषद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾ को कहा जाता है दो पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की विदà¥à¤¯à¤¾ होती है परा विदà¥à¤¯à¤¾ और अपरा विदà¥à¤¯à¤¾ ।
रिपोर्ट - all news Bharat.com
आचारà¥à¤¯ मोहन चेतन ने दी महाराज साधना सदन ने अपने मà¥à¤–ारविंद से वेदांत की चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤ कहा की उपनिषद को ही वेदांत कहा जाता है ।उपनिषद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾ को कहा जाता है दो पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की विदà¥à¤¯à¤¾ होती है परा विदà¥à¤¯à¤¾ और अपरा विदà¥à¤¯à¤¾ । आतà¥à¤®à¤¾ को जानने वाला अपने सà¥à¤µà¤°à¥‚प में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हो जाता है । अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ शकà¥à¤¤à¤¿ के बिना जीव का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ नहीं होता है निसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ में परमातà¥à¤®à¤¾ की बहà¥à¤¤ बड़ी कृपा छà¥à¤ªà¥€ रहती है। दरà¥à¤ªà¤£ की ही तरह संत का सà¥à¤µà¤°à¥‚प होता है । विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ सनà¥à¤¤ à¤à¤µà¤‚ टाट वाले बाबा जी के परम शिषà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विजयानंद जी महाराज ने कहा कि जिस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को महापà¥à¤°à¥à¤· अपनाते हैं वही सफलता की राह बन जाता है ।सतगà¥à¤°à¥ सतà¥à¤¯ के वकà¥à¤¤à¤¾ होते हैं ।गà¥à¤°à¥ का वाकà¥à¤¯ ही अकाटà¥à¤¯ होता है। गरीब दासिय जी के आचारà¥à¤¯ डॉकà¥à¤Ÿà¤° हरिहरानंद जी ने वेदांत समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में बोलते हà¥à¤ कहा कि à¤à¤œà¤¨ कà¥à¤¯à¤¾ है? अपने आप में शांत होकर सà¥à¤¥à¤¿à¤° हो जाना ही à¤à¤œà¤¨ है !जिसने दिया था उसने ले लिया यही वेदांत हैं। अहम के à¤à¤¾à¤µ को मिटाना ही वेदांत है आनंद के सà¥à¤– का यही सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है कि अपने आप से कामना रूपी समसà¥à¤¤ गठरी को उतारकर à¤à¤• तरफ फेंक दो ।अपनापन हटा दो तो सà¥à¤– दà¥à¤– का कारण ही समापà¥à¤¤ हो जाà¤à¤—ा ।मन के कारण ही बंधन और मोकà¥à¤· होता है। इस अवसर पर गरीब दासीय आशà¥à¤°à¤® के à¤à¤¾à¤—वताचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रविदेव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शरीर के अंदर जो आतà¥à¤®à¤¾ है वह à¤à¥€ आकाश रूप है जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से आकाश को कà¥à¤› नहीं किया जा सकता जैसे आकाश निरà¥à¤²à¥‡à¤ª है ठीक उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से आतà¥à¤®à¤¾ à¤à¥€ अजर अमर अविनाशी और सतà¥à¤¯ है। गà¥à¤°à¥ के शà¥à¤°à¥€ चरणों में लोटपोट होने से यह आतà¥à¤®à¤¬à¥‹à¤§ होना संà¤à¤µ होता है। साधना सदन के तपसà¥à¤µà¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ मोहन चैतनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¥€ ने टाट वाले बाबा अपने शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ सà¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि समय आप का हीरा है अतः समय का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— ही असंà¤à¤µ को à¤à¥€ संà¤à¤µ बना देता है। सतगà¥à¤°à¥ के चरणों में जाने से वह सब कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है अतः सतगà¥à¤°à¥ की चरणों की रज को मसà¥à¤¤à¤• पर लगाने वाला ही शं टाट वाले बाबा के जी के परम शिषà¥à¤¯ हरिहरानंद (à¤à¤•à¥à¤¤ )दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गà¥à¤°à¥ की महिमा का बखान किया गया ।उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा यह शरीर नशà¥à¤µà¤° है और जिसने इस संसार में जनà¥à¤® लिया है उसकी मृतà¥à¤¯à¥ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। मातृशकà¥à¤¤à¤¿ की ओर से माता कृषà¥à¤£ मयी मां, सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ महेशी देवी ,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मधॠगौड़ ,सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ गौड़,रचना मिशà¥à¤°à¤¾ आदि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾ सà¥à¤®à¤¨ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤œà¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपनी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤œà¤‚लि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की गई। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का सफल संचालन à¤à¤¸ à¤à¤® जेà¤à¤¨à¤ªà¥€à¤œà¥€ कॉलेज के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉकà¥à¤Ÿà¤° सà¥à¤¨à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ चरण अनà¥à¤°à¤¾à¤—ी समिति के कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ रचना मिशà¥à¤°à¤¾ ,à¤à¤¸ के बोहरा, विजय शरà¥à¤®à¤¾ ,सà¥à¤¨à¥€à¤² सोनेजा, संजय कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾, विनोद अरोड़ा, मधॠगौड़, सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ महेशी देवी, à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ गौड़,आनंद सागर, उदित गोयल, सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° खतà¥à¤°à¥€, योगेश अरोड़ा ,ईशà¥à¤µà¤° चंद तनेजा,सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ लाल, रमा बोहरा,अनिल गौड़ डॉ अशोक पालीवाल ,हरिराम कà¥à¤®à¤¾à¤° पूरà¥à¤µ सà¤à¤¾à¤¸à¤¦ राज दà¥à¤²à¤¾à¤°à¥€, माता सà¥à¤·à¤®à¤¾ चंदवानी, मीनू गौड़, मोना अरोड़ा ,नंदलाल सोनेजा किशन चंद, गà¥à¤²à¤¶à¤¨ अरोड़ा ,आनंद सागर, रशà¥à¤®à¤¿ शरà¥à¤®à¤¾ ,डॉ रमेश गोयल शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ राज चडà¥à¤¢à¤¾ ,ओमी ,रामकृषà¥à¤£ गà¥à¤²à¤° वाले, कà¥à¤•à¥à¤•à¥‚, रमेश ,जानू देवी ,उमा बरà¥à¤®à¤¨ आदि अनेकों शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ गण उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।