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ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री पुण्यात्मा थे-स्वामी महादेव महाराज |


जय मां आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष म.म.स्वामी महादेव महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन म.म.डा.स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज महान संत व पुण्यात्मा थे। श्री गरीबदासीय आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए स्वामी महादेव महाराज ने कहा कि स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज गरीबदासीय साधु संप्रदाय ही नहीं अपितु संपूर्ण संत समाज के मार्गदर्शक थे।

रिपोर्ट  - 

ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री पुण्यात्मा थे-स्वामी महादेव महाराज हरिद्वार, 2 अगस्त। जय मां आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष म.म.स्वामी महादेव महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन म.म.डा.स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज महान संत व पुण्यात्मा थे। श्री गरीबदासीय आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए स्वामी महादेव महाराज ने कहा कि स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज गरीबदासीय साधु संप्रदाय ही नहीं अपितु संपूर्ण संत समाज के मार्गदर्शक थे। गौ व गंगा के प्रति उनका समर्पण एवं धर्म के संवर्द्धन एवं संरक्षण में उनके अहम योगदान को सदैव रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि महापुरूष केवल शरीर त्यगाते हैं। उनकी आत्मा समाज कल्याण के लिए सदैव व्यवहारिक रूप से उपस्थित रहती है। उन्होंने कहा कि डा.स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज कुशल व्यक्तित्व के धनी एवं ओजस्वी वक्ता थे। उनके ब्रह्मलीन होने से आध्यात्मिक जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। गुरू की कमी को जीवन में कभी पूरा नहीं किया जा सकता। पूज्य गुरूदेव ने गंगा तट से सेवा के जो प्रकल्प प्रारम्भ किए थे। उनमें निरंतर बढ़ोतरी कर आश्रम के सामाजिक सेवा प्रकल्पों को जारी रखा जाएगा। पूज्य गुरूदेव को संस्कृत से विशेष लगाव था। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने की पूज्य गुरूदेव की कामना को पूरा करते हुए संस्कृत के प्रचार प्रसार में योगदान किया जाएगा। स्वामी रविदेव शास्त्री व स्वामी दिनेश दास महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री ने सदैव ही संस्कृत एव सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन करने में अपना विशेष योगदान दिया। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए आश्रम की परंपराओं को आगे बढ़ाया जाएगा। स्वामी महिमानन्द, स्वामी ज्ञानानन्द, स्वामी केशवानन्द, म.म.स्वामी परमात्मदेव, स्वामी अयोध्याचार्य, महंत श्यामप्रकाश, स्वामी सुरेश मुनि, संजय वर्मा, महंत कमलदास, स्वामी गंगादास उदासीन, महंत विष्णुदास, संत जगजीत सिंह, संत मंजीत सिंह, महंत जसविन्दर सिंह, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, महंत प्रेमदास आदि संतों ने भी ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके पूर्व ब्रह्मलीन म.म.डा.स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज की अस्थियां विधि विधान पूर्व कनखल स्थिति सतीघाट पर गंगा में विसर्जित की गयी।

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