रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª जिसे हाईपरटेंशन à¤à¥€ कहते हैं à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही गंà¤à¥€à¤° और à¤à¤¯à¤‚कर रोग है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अगर रोगी को सही समय पर सही चिकितà¥à¤¸à¥€à¤¯ मदद नहीं मिलती तो इससे हारà¥à¤Ÿ अटैक, बà¥à¤°à¥‡à¤¨ हैंमरेज, वगैरह à¤à¥€ होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ रहती है।
रिपोर्ट - वैध दीपक कà¥à¤®à¤¾à¤°
रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª जिसे हाईपरटेंशन à¤à¥€ कहते हैं à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही गंà¤à¥€à¤° और à¤à¤¯à¤‚कर रोग है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अगर रोगी को सही समय पर सही चिकितà¥à¤¸à¥€à¤¯ मदद नहीं मिलती तो इससे हारà¥à¤Ÿ अटैक, बà¥à¤°à¥‡à¤¨ हैंमरेज, वगैरह à¤à¥€ होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ रहती है।उचà¥à¤š-रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª वह रोग है जिसमें हृदय के संकà¥à¤šà¤¨ की अवसà¥à¤¥à¤¾ में रकà¥à¤¤ वाहिकाओं में रकà¥à¤¤ का दबाव पारे के 140 mm से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ या हृदय के विसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤£ की अवसà¥à¤¥à¤¾ में 90 mm से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रहता है या दोनों अवसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रहता है। इसकी वजह है शारीरिक गतिविधियों की कमी। मोटापा, तनाव, खाने पीने में लापरवाही, गंà¤à¥€à¤° बीमारियाà¤, अनà¥à¤µà¤¾à¤‚शिक बीमारियाà¤, धूमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¨, नशा वगैरह वगैरह। उचà¥à¤š रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª के मà¥à¤–à¥à¤¯ कारणों में से à¤à¤• है आपके रकà¥à¤¤ का गाढ़ा होना। रकà¥à¤¤ गाढ़ा होने से उसका पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ धीमा हो जाता है। जिससे नसों और धमनियों पर दबाव पड़ता है। लहसà¥à¤¨ में बहà¥à¤¤ हीं ताकतवर à¤à¤‚टीओकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤¨à¤Ÿà¥à¤¸ , जैसे कि सेलेनियम, विटामिन सी और à¤à¤²à¥€à¤¸à¥€à¤¨ होते है, जो कि रकà¥à¤¤ को पतला करने में काफी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ होते हैं। इसीलिठसà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¬à¤¹ कचà¥à¤šà¥‡ लहसà¥à¤¨ के दो तीन कली के टà¥à¤•à¥œà¥‡ चबाने से या उसके महीन टà¥à¤•à¥œà¥‡ करके निगलने से काफी फायदा पहà¥à¤à¤šà¤¤à¤¾ है। नमक बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° बढाने वाला पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कारक है, इसलिठहाई बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° वालों को नमक का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कम करना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š आंवले का रस और à¤à¤• ही चमà¥à¤®à¤š शहद मिलाकर सà¥à¤¬à¤¹-शाम लेने से हाई बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° में बहà¥à¤¤ लाठहोता है। हाई बà¥à¤²à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° के मरीजों के लिठपपीता à¤à¥€ बहà¥à¤¤ लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ है, इसे खाली पेट चबा-चबाकर खाना चाहिठ। तरबूज के बीज तथा खसखस को अलग-अलग पीसकर बराबर मातà¥à¤°à¤¾ में मिलाकर रख लें। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ खाली पेट à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š पानी के साथ लें। गाजर और पालक का रस मिलाकर à¤à¤• गिलास सà¥à¤¬à¤¹-शाम पीने से लाठमिलता है। हाई बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° को जलà¥à¤¦à¥€ कंटà¥à¤°à¥‹à¤² करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीना चाहिà¤à¥¤ जब बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° बढा हà¥à¤† हो तो आधा गिलास हलà¥à¤•à¥‡ गरà¥à¤® पानी में à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š काली मिरà¥à¤š पाउडर घोलकर 2-2 घंटे में पीते रहें। करेला और सहजन की फ़ली का नितà¥à¤¯ सेवन उचà¥à¤š रकà¥à¤¤ चाप में परम हितकारी हैं। सौंफ़, जीरा, शकà¥â€à¤•à¤° तीनों को बराबर लेकर पाउडर बना लें। इसे à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š à¤à¤• गिलास पानी में घोलकर सà¥à¤¬à¤¹-शाम पीने से लाठहोता है। हाई बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥ˆà¤¶à¤° में पांच तà¥à¤²à¤¸à¥€ के पतà¥à¤¤à¥‡ तथा दो नीम की पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पीसकर 20 गà¥à¤°à¤¾à¤® पानी में घोलकर खाली पेट सà¥à¤¬à¤¹ पिà¤à¤‚। उचà¥à¤š रकà¥à¤¤ चाप में मरीजों को सà¥à¤¬à¤¹ शाम à¤à¤• टà¥à¤•à¥œà¤¾ अदरक का काली मिरà¥à¤š के साथ चूसना चाहिठ। लाल मिरà¥à¤š के सेवन से नसें और रकà¥à¤¤ वाहिकाà¤à¤‚ चौड़ी हो जाती हैं,जिससे रकà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ सहज हो जाता है और रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª नीचे आ जाता है। बिना आटे से चोकर निकाले गेहूं व चने के आटे को बराबर मातà¥à¤°à¤¾ में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खानी चाहिठ। पाà¤à¤š गà¥à¤°à¤¾à¤® मेथीदाना पावडर दà¥à¤°à¤¹ दिनों तक सà¥à¤¬à¤¹-शाम पानी के साथ लें। इससे à¤à¥€ लाठमिलता है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट जरूर चलें, इससे बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° सामानà¥à¤¯ रहता है। Vaid Deepak Kumar Adarsh Ayurvedic Pharmacy Daksh mandir marg Kankhal Hardwar aapdeepak.hdr@gmail.com 9897902760