हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में वर्तमान यूक्रेन संकट पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन


गौरतलब है कि इस समय दुनिया यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण तीसरे महायुद्ध के द्वार पर खड़ी है जिसमें सभी पक्षों के अपने फायदे तथा नुकसान हैं और जिससे पूरी दुनिया इस समय समान रूप से संकट का सामना कर रही है ।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा वर्तमान यूक्रेन संकट पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया । गौरतलब है कि इस समय दुनिया यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण तीसरे महायुद्ध के द्वार पर खड़ी है जिसमें सभी पक्षों के अपने फायदे तथा नुकसान हैं और जिससे पूरी दुनिया इस समय समान रूप से संकट का सामना कर रही है । इस परिचर्चा का संचालन करते हुए एम.ए. के छात्र सौरभ कुमार ने इस संकट का परिचय श्रोताओं के समक्ष रखा । डॉ. नरेश कुमार ने इसपर विस्तृत बातचीत रखते हुए कहा कि इससे नई विश्व व्यवस्था का उदय इस बात पर निर्भर करेगा कि रूस इस युद्ध को हार जाता है या फिर विजयी होता है तथा इससे दुनिया कितने धुर्वों में विभाजित होती है । एमए की छात्रा अल्का तथा शीतल ने इसकी ऐतिहासिक प्रगति तथा भारत की चिंताओं बाकी तरफ ध्यान आकर्षित किया । राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एम. एम. सेमवाल ने कहा कि इस तरह का संकट उत्पन्न होना कहीं ना कहीं राष्ट्रों के मध्य कूटनीति तथा संयुक्त राष्ट्र संघ की अयोग्यता का परिणाम है । इसके साथ ही रूस के यूक्रेन को लेकर आक्रमकता तथा इस सब के बीच भारतीय हितों पर अपना वक्तव्य रखा । एमए के छात्र दिगम्बर , दीपक नेगी ने भी इस अभूतपूर्व संकट के समय इसके विभिन्न पक्षों पर बातचीत रखी । मानविकी तथा समाज विज्ञान स्कूल की डीन प्रो. हिमांशु बौड़ाई ने इस बातचीत में सभी आयामों को रेखांकित करते हुए अपनी बात रखी । उन्होंने जिओ-पॉलिटिक्स समीकरणों ,हथियारों की होड़ , पश्चिम तथा रूस के मध्य उत्पन्न इस संकट को लेकर अपना संबोधन दिया । शोधार्थी मयंक उनियाल ने इस लड़ाई के परिपेक्ष्य में यूक्रेन के आम लोगों का पक्ष रखते हुए उनके मानवाधिकारों तथा संकटों पर बात रखी । इस वार्ता में विभाग के गेस्ट फैकल्टी डॉ सुभाष लाल , दीपक नेगी ,दिगंबर सिंह बिष्ट आशुतोष,शोधा छात्रों तथा एम. ए. की छात्र - छात्राओं ने प्रतिभाग किया ।

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