बाघमà¥à¤¬à¤°à¥€ पीठाधीशà¥à¤µà¤° à¤à¤µà¤‚ बिलà¥à¤•à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर के वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त बलवीर गिरी महाराज ने कहा है कि संपूरà¥à¤£ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ à¤à¤—वान शिव में समाहित है और शिव à¤à¤µà¤‚ शकà¥à¤¤à¤¿ की कृपा जिस साधक पर हो जाठउसका जीवन à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र से पार हो जाता है। बिलà¥à¤•à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर में शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास मे चलने वाले à¤à¤—वान शिव के विशेष रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• और पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ के दौरान शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को संबोधित करते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास à¤à¤—वान शिव की आराधना को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 7 अगसà¥à¤¤à¥¤ बाघमà¥à¤¬à¤°à¥€ पीठाधीशà¥à¤µà¤° à¤à¤µà¤‚ बिलà¥à¤•à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर के वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त बलवीर गिरी महाराज ने कहा है कि संपूरà¥à¤£ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ à¤à¤—वान शिव में समाहित है और शिव à¤à¤µà¤‚ शकà¥à¤¤à¤¿ की कृपा जिस साधक पर हो जाठउसका जीवन à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र से पार हो जाता है। बिलà¥à¤•à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर में शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास मे चलने वाले à¤à¤—वान शिव के विशेष रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• और पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ के दौरान शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को संबोधित करते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास à¤à¤—वान शिव की आराधना को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। इस दौरान शिव आराधना करने से सà¤à¥€ दà¥à¤–ों का शमन होता है और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन में सà¥à¤– समृदà¥à¤§à¤¿ का आगमन होता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि कैलाशवासी महादेव मृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय और महायोगी हैं। जिनके सà¥à¤®à¤°à¤£ मातà¥à¤° से ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र से पार हो जाता है। शिव जीवन और मृतà¥à¤¯à¥, विनाश और पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® के देवता हैं। जो अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का संरकà¥à¤·à¤£ कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यश, आयà¥, बल, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, सà¥à¤–, समृदà¥à¤§à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते है।ं à¤à¤—वान शिव आदि और अंत हैं। शिव ही अनंत हैं, समय और काल हैं। शिव ही महाकाल हैं। जो साधक à¤à¤—वान शिव की कृपा का पातà¥à¤° बन जाता है। उसका जीवन सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही सफलता की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° हो जाता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि शिव शबà¥à¤¦ ही कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि à¤à¤—वान शिव अतà¥à¤¯à¤‚त उदार है और सकल सृषà¥à¤Ÿà¤¿ उनमें समाविषà¥à¤Ÿ है। हमें उनका अनवरत धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करते रहना चाहिठऔर निमगà¥à¤¨ होना चाहिà¤à¥¤ इससे बड़ा आनंद और कà¥à¤› नहीं हो सकता। बिलà¥à¤•à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की सूकà¥à¤·à¥à¤® आराधना से ही पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मनवांछित फल पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं और à¤à¤—वान शिव के साथ माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ का à¤à¥€ आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास के आखिरी सोमवार को बिलà¥à¤•à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर में à¤à¤µà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार कर विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठविशेष अनà¥à¤·à¥à¤ ान किया जाà¤à¤—ा और मंदिर परिसर को à¤à¤µà¥à¤¯ रà¥à¤ª से सजाया जाà¤à¤—ा। à¤à¤—वान शिव की कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने का अवसर सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। इसलिठà¤à¤—वान शिव के शरणागत होना वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठपरम कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ है।