शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रामरतन गिरी महाराज ने कहा है कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का सà¤à¥€ अवतारों में सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमेशा मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ को ही महतà¥à¤µ दिया। चाहे सà¥à¤¦à¤¾à¤®à¤¾ हो अरà¥à¤œà¥à¤¨ हो या फिर कलिकाल में à¤à¤•à¥à¤¤ माधव दास और मीरा शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के सखा और गà¥à¤°à¥ à¤à¥€ हैं। जो पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ और सखा बनकर गà¥à¤°à¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ देते हैं। जो शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की लीलाओं को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ कर उसे अपने जीवन वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में शामिल कर लेता है। उसका जीवन à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र से पार हो जाता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 19 अगसà¥à¤¤à¥¤ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रामरतन गिरी महाराज ने कहा है कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का सà¤à¥€ अवतारों में सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमेशा मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ को ही महतà¥à¤µ दिया। चाहे सà¥à¤¦à¤¾à¤®à¤¾ हो अरà¥à¤œà¥à¤¨ हो या फिर कलिकाल में à¤à¤•à¥à¤¤ माधव दास और मीरा शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के सखा और गà¥à¤°à¥ à¤à¥€ हैं। जो पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ और सखा बनकर गà¥à¤°à¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ देते हैं। जो शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की लीलाओं को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ कर उसे अपने जीवन वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में शामिल कर लेता है। उसका जीवन à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र से पार हो जाता है। मायापà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अखाड़े में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के समकà¥à¤· à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का गà¥à¤£à¤—ान करते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि पà¥à¤°à¤à¥ शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ 14 विदà¥à¤¯à¤¾ 16 अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• और 64 सांसारिक कलाओं में पारंगत थे। इसलिठपà¥à¤°à¤à¥ शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जग के नाथ जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ और जग के गà¥à¤°à¥ जगतगà¥à¤°à¥ कहलाते हैं। जिनकी लीलाà¤à¤‚ अपरंपार है। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ निषà¥à¤•à¤¾à¤® करà¥à¤® योगी, आदरà¥à¤¶ दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤•, सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤œà¥à¤ž à¤à¤µà¤‚ देवी संपदाओं से सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤ महान महापà¥à¤°à¥à¤· थे। जो सà¤à¥€ अवतारों में पूरà¥à¤£ अवतार हैं। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤—वत गीता के माधà¥à¤¯à¤® से अरà¥à¤œà¥à¤¨ को अपने करà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागृत किया और उनके मोकà¥à¤· का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ किया। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ किया गया जà¥à¤žà¤¾à¤¨ आज à¤à¥€ पूरे विशà¥à¤µ में पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤‚गिक और लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि मानव जीवन में आकर परमातà¥à¤®à¤¾ à¤à¥€ सांसारिक चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से नहीं बच सकते। इसलिठशà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ कहते हैं कि परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से घबराठनहीं। उनका डटकर मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ करें। करà¥à¤® करना ही मानव जीवन का पहला करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है और करà¥à¤®à¥‹à¤‚ से ही हम हर परेशानी से जीत सकते है।ं à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ने जिसको अपना माना जीवन à¤à¤° उसका साथ दिया। अरà¥à¤œà¥à¤¨ सà¥à¤¦à¤¾à¤®à¤¾ अथवा उदà¥à¤§à¤µ हर किसी को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना मान कर उनका कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ किया। शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ की शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पूरà¥à¤µà¤• की गई उपासना वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन में पà¥à¤°à¥‡à¤® à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ और सà¥à¤– समृदà¥à¤§à¤¿ का संचार करती है और उसके मोकà¥à¤· का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ करती है। हम सà¤à¥€ को योगेशà¥à¤µà¤° à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के जीवन से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर अपने अपने जीवन को सफल बनाना चाहिà¤à¥¤