विज्ञान भारती द्वारा एन0सी0ई0आर0टी0 व एन0सी0एस0एम0 के सहयोग से देशभर में आयोजित विद्यार्थी विज्ञान मंथन परीक्षा


विज्ञान भारती द्वारा एन0सी0ई0आर0टी0 व एन0सी0एस0एम0 के सहयोग से देशभर में आयोजित विद्यार्थी विज्ञान मंथन परीक्षा की स्मारिका का विमोचन उत्तराखंड सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री माननीय डॉ धन सिंह रावत द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश भर के सरकारी तथा गैर सरकारी विद्यालयों से विद्यार्थी विज्ञान मंथन परीक्षा में छात्रों का प्रतिभा करने का आह्वान किया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

विज्ञान भारती द्वारा एन0सी0ई0आर0टी0 व एन0सी0एस0एम0 के सहयोग से देशभर में आयोजित विद्यार्थी विज्ञान मंथन परीक्षा की स्मारिका का विमोचन उत्तराखंड सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री माननीय डॉ धन सिंह रावत द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश भर के सरकारी तथा गैर सरकारी विद्यालयों से विद्यार्थी विज्ञान मंथन परीक्षा में छात्रों का प्रतिभा करने का आह्वान किया। वीएम परीक्षा के प्रदेश समन्वयक डॉ राम प्रकाश नौटियाल द्वारा विद्यार्थी विज्ञान मंथन परीक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी विज्ञान मंथन परीक्षा देशभर में आयोजित होने वाली एकमात्र ऐसी परीक्षा है जिसमें स्वदेशी विज्ञान के बारे में भी विद्यार्थियों को जानकारी दी जाती है। पिछले वर्ष इस परीक्षा में उत्तराखंड से लगभग 6000 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था। उत्तराखंड के दो विद्यार्थियों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम तथा जोनल स्थल पर तृतीय श्रेणी में हुआ था। विज्ञान भारती के सचिव प्रोफेसर हेमवती नंदन ने भी छात्रों के लिए वीएम परीक्षा की उपयोगिता पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में भारतीय विज्ञान के प्रति जानकारी का प्रचार प्रसार करना है। विज्ञान भारती के अध्यक्ष प्रोफेसर के डी पुरोहित जी ने वीएम परीक्षा के प्रचार प्रसार के लिए प्रदेश स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में विज्ञान से संबंधित परीक्षाओं का प्रचार प्रसार करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में राज्य सरकार के सहयोग से इस परीक्षा के प्रचार प्रसार में मदद की आवश्यकता है जिससे पहाड़ी क्षेत्र के दूरस्थ विद्यालयों के विद्यार्थी भी इस परीक्षा से लाभान्वित हो सकें। इस अवसर पर एरीज के वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र सिंह तथा वाडिया संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ सूरज कुमार पर्चा जी एवं जाने माने ईएनटी सर्जन प्रो रविन्द्र सिंह बिष्ट भी उपस्थित थे।

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