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रुद्रप्रयाग में रेल परियोजना प्रभवित ग्राम पंचायत नरकोटा में उप जिलाधिकारी सदर की अध्यक्षता में जन सुनवाई की


इस दौरान ग्रामीणों ने टनल निर्माण से कई तीन परिवारों के भवन पर दरारें पड़ गई हंै, इसके साथ ही अन्य कई तोकों को भी खतरा है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

रुद्रप्रयाग 24 जून, 2021, रेल परियोजना प्रभवित ग्राम पंचायत नरकोटा में उप जिलाधिकारी सदर बृजेश तिवारी की अध्यक्षता में जन सुनवाई की गई। इस दौरान ग्रामीणों ने टनल निर्माण से कई तीन परिवारों के भवन पर दरारें पड़ गई हंै, इसके साथ ही अन्य कई तोकों को भी खतरा है। उप जिलाधिकारी ने कहा कि प्रभावित परिवारों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगा। ग्राम प्रधान चन्द्रमोहन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रभावित ग्रामीणों ने अपनी-अपनी समस्याएं उप जिलाधिकारी के सम्मुख रखी। ग्रामीण कमल किशोर जोशी ने कहा कि उनके मकानों के ठीक नीचे टनल निर्माण शुरू हो चुका है, जिसमें दिन रात किसी भी समय भारी विष्फोट किए जा रहे हंै। जिससे उनके मकानों में दरारे पड गई हैं, इस सम्बंध में आरबीएनएल अधिकारियों को लिखित रूप से बताया गया, लेकिन कोई भी सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई। कहा कि किसी भी दिन उनका परिवार दुर्घटना का शिकार हो सकता है। जिस पर उप जिलाधिकारी ने कहा कि तत्काल सम्बंधित निर्माण एजेंसियों को नोटिस भेजा जाएगा। बैठक में पूर्व प्रधान सत्यप्रसाद भट्टकोटी, प्रकाश चन्द्र सिलोडी, मदन मोहन सिलोडी सहित अन्य ग्रामीणों ने लंबित मुआवजा प्रकरण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उनके द्वारा सभी दस्तावेज जमा किए गए, लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिला है, जिस पर उपजिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रक्रिया जारी है और जल्द मुआवजा आवंटित कर दिया जाएगा। ग्राम प्रधान चन्द्रमोहन ने गाँव को एक संपर्क मार्ग से जोड़ने, जिसमें चोपहिया वाहन की आवाजाही हो सके, नरकोटा बाजार के पुनस्र्थापित करने, टनल निर्माण के खतरे मे आने वाले सभी परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरबीएनएल से लिखित तय कराने या फिर विस्थापन के साथ एक बहुउद्देशीय भवन के निर्माण की मांग प्रमुखता से रखी गयी। इसके साथ ही उन्होंने रेलवे और आॅलवेदर के मलबे से पौराणिक नर्वदेश्वर मंदिर के आंगन में मलबा और पत्थर जमा हो चुके हैं। कहा कि यह शिवालय गांव की अटूट आस्था का प्रतीक है, यदि जल्द इसमें कार्यवाही नहीं की गई तो ग्रामीणों को आंदोलन के बाध्य होना पडे़गा।

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