धनतेरस पर मां लक्ष्मी की विधि-विधान से की गई पूजा अर्चना से घर में सुख-समृद्धि का वास हो जाता है|


धनतेरस पर मान्यता है कि धनतेरस के दिन ही मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं इसीलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन बेहद शुभ और जरूरी माना जाता है| धनतेरस पर मां लक्ष्‍मी के साथ महालक्ष्‍मी यंत्र की पूजा भी होती है| हर साल कार्तिक तेरस यानी 13वें दिन धनतेरस होता है|

रिपोर्ट  - à¤ªà¤‚डित रामेश्वर गौड़

धनतेरस पर मान्यता है कि धनतेरस के दिन ही मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं इसीलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन बेहद शुभ और जरूरी माना जाता है| धनतेरस पर मां लक्ष्‍मी के साथ महालक्ष्‍मी यंत्र की पूजा भी होती है| हर साल कार्तिक तेरस यानी 13वें दिन धनतेरस होता है| धनतेरस धनत्रयोदशी, धन्‍वंतरि त्रियोदशी या धन्‍वंतरि जयंती भी कही जाती है| इस दिन मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, यमराज और धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन सोने-चांदी और घर के बर्तनों को खरीदना शुभ होता है| इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा अर्चना से घर में सुख-समृद्धि का वास हो जाता है| मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि विष्णु के अंशावतार हैं| शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया| भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है| मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे, उस समय उनके हाथों में अमृत कलश था| और उस दिन कार्तिक मास की त्रयोदशी थी| इस वजह से हर साल इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाने लगा| भगवान धन्वंतरि को चिकित्सा का देवता भी माना जाता है|

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