गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों को दी जायेगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति


प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत शैक्षणिक संवर्ग का नया त्रि-स्तरीय ढांचा बनाया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

देहरादून, 11 जुलाई 2024 प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत शैक्षणिक संवर्ग का नया त्रि-स्तरीय ढांचा बनाया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का भी निर्णय लिया गया है। साथ ही एससीईआरटी का नया ढांचा बनाने व अतिथि शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज विद्यालयी शिक्षा निदेशालय स्थित राज्य परियोजना कार्यलय समग्र शिक्षा के सभागार में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को शिक्षक संगठनों के साथ वार्ता कर विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक शैक्षणिक संवर्ग का त्रि-स्तरीय ढांचा तैयार करने के निर्देश दिये हैं। जिसके अंतर्गत अब शैक्षणिक संवर्ग में शिक्षकों की तीन श्रेणियां पीआरटी, टीईटी व पीजीटी ही होंगी। डा. रावत ने कहा कि विभाग के अंतर्गत जो शिक्षक गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं उनके स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों की जांच कर वास्तविक रूप से गंभीर बीमार शिक्षकों को चिन्हित कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय लिया गया है। विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत कार्यरत अतिथि शिक्षकों का मानदेय बढ़ा कर राजीव नवोदय विद्यालयों के अतिथि शिक्षकों के समान करने का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये गये हैं। इसी प्रकार एससीईआरटी के अंतर्गत शैक्षणिक संवर्ग के ढांचे का पुनर्गठन कर 153 पदों के सापेक्ष 108 पदों का ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके अलावा राज्य के पांच मॉडल डायटों का पुनः आंगणन कर भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिये गये हैं। विभिन्न जनपदों से प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के वित्तीय सहायोग संबंधी प्रस्तावों के सापेक्ष टोकन मनी दिये जाने संबंधी प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसी प्रकार पीएम-श्री विद्यालयों को आवंटित धनराशि खर्च न करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही डी एवं सी श्रेणी के विद्यालयों की डीपीआर तैयार कर शीघ्र शासन को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये गये हैं।

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